जम्मू. लोकसभा चुनाव के बीच जिले में आठ आईईडी समेत हथियारों का भारी जखीरा बरामद होने के एक दिन बाद शाहदरा शरीफ इलाके में आतंकियों ने हमला कर दिया। ड्यूटी से घर लौटे समाज कल्याण विभाग के एक कर्मचारी की आतंकियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर हत्या कर दी। घटना कुंडा टोपा गांव में सोमवार रात करीब 8:30 बजे की है।
जानकारी के अनुसार, राजोरी में तैनात समाज कल्याण विभाग के जूनियर असिस्टेंट मोहम्मद रजाक ड्यूटी से घर लौटे थे। इतने में दरवाजे पर किसी ने आवाज दी। जब वह गए तो उन्हें गोलियों से निशाना बना लिया गया। गोलियां लगते ही वह खून से लथपथ होकर मौके पर ही गिर पड़े। इसके बाद आतंकी भाग निकले। गोलियों की आवाज सुन कर जब परिवार के लोग बाहर निकले तो रजाक खून से लथपथ गिरा पड़ा मिला। कुछ ही देर में उन्होंने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि मृतक रजाक के पांच बच्चे हैं जिनमें तीन बेटियां और दो बेटे हैं। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस तथा सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे। इलाके को घेर कर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। इसके साथ ही राजोरी में अतिरिक्त नाके भी लगाए गए हैं।
मृतक की मां ने बताया, ‘वह (रजाक) ड्यूटी से आया था और मवेशियों के लिए चारा डाल रहा था। फिर, उसने खाना खाया और किसी ने लाल हुसैन को बुलाया। हम बाहर गए। बंदूक के साथ एक व्यक्ति वहां खड़ा था। फिर, कुछ देर बाद, हमने गोलियों की आवाज सुनी… मेरे पति की भी उसी जगह हत्या कर दी गई थी।’
रजाक की पत्नी ने बताया, ‘एक व्यक्ति आया और लाल हुसैन को बुलाने के लिए कहा, मेरे पति भी आए। उन्होंने मुझे 15 लोगों के लिए खाना बनाने के लिए कहा। फिर, वे घर के पास गए और मेरे पति पर गोली चला दी, मैंने एक व्यक्ति को काले कपड़े में देखा कपड़े और लंबे बाल और उसके पास एक बैग था। हमने आवाज सुनी और वहां जाकर देखा तो मेरे पति की मौत हो गई थी, फिर वे भाई के पास गए जो सेना में हैं।’
मृतक के छोटे भाई टीए जवान को निशाना बनाने आए थे आतंकी
बताते हैं कि आतंकी रजाक के छोटे भाई ताहिर चौधरी उर्फ लाल हुसैन को निशाना बनाए आए थे जो सेना की टेरीटोरियल आर्मी में हैं। अनजाने में उन्होंने रजाक को अपनी गोलियों का निशाना बना डाला। आतंकी हमले की जानकारी मिलते ही ताहिर को परिवार वालों ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया।
12 साल पहले पिता को भी आतंकियों ने गला रेत कर मार डाला था
रजाक के पिता मोहम्मद अकबर की भी 12 साल पहले आतंकवादियों ने गला रेत कर निर्मम हत्या कर दी थी। उसके बाद ही रजाक को अपने पिता की जगह एसआरओ 143 में नौकरी मिली थी। रजाक का परिवार शुरू से ही आतंकवादियों के निशाने पर रहा है।
एक सप्ताह में दूसरा आतंकी हमला
इससे पहले 17 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग आतंकियों ने कायराना हरकत की थी। जिसमें आतंकियों ने बिहार के युवक की ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी। लक्षित हत्या की यह वारदात लोकसभा चुनाव के बीच जबलीपोरा इलाके में हुई थी। युवक राजू शाह जबलीपोरा में परिवार के साथ किराए पर रहता था और पकौड़े की रेहड़ी लगाता था।
साभार : अमर उजाला
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