चंडीगढ़. हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत (भूख हड़ताल) शुरू करने से पहले संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पंजाब पुलिस उन्हें लुधियाना स्थित DMC अस्पताल ले गई है। कोई व्यक्ति उन तक न पहुंचे, इसके लिए अस्पताल के आसपास के एरिया को सील कर दिया गया है। अस्पताल में डल्लेवाल कुछ नहीं खा रहे हैं। उनको हिरासत में लिए जाने के बाद किसान नेता और पूर्व फौजी सुखजीत सिंह हरदो झंडे खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत पर बैठ गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर वे इस अनशन के दौरान मर जाते हैं तो उनका शव यहीं रहेगा और दूसरा किसान मरणव्रत पर बैठ जाएगा।
एक अन्य नेता ने बताया कि डल्लेवाल ठीक हैं। जैसा उन्होंने (डल्लेवाल) कहा था कि वह 26 से मरणव्रत पर बैठेंगे, उन्होंने लुधियाना में कुछ खाया नहीं है। इस बीच किसानों ने खनौरी बॉर्डर पर पहुंचकर प्रदर्शन भी किया। वहीं हरियाणा और पंजाब के सीनियर अधिकारियों की बैठक में सहमति बनी है कि शंभू बॉर्डर का 4 फीट का एरिया खोला जाएगा, ताकि किसान बिना ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के आगे बढ़ सकें। हालांकि औपचारिक ऐलान नहीं हुआ, लेकिन बैरिकेडिंग हटाना शुरू कर दी गई है। डल्लेवाल की हिरासत पर पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि संविधान दिवस पर यह संविधान की हत्या है। मैं खनौरी बॉर्डर मोर्चे पर समर्थन में पहुंच रहा हूं। आप सब भी आइए और केंद्र और पंजाब सरकार के इस जुगलबंदी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाइए। जो किसान, नौजवान शंभू बॉर्डर के नजदीक हैं, वो शंभू बॉर्डर पहुंचे।
इससे पहले किसान नेता सरवन पंधेर ने कहा कि सोमवार रात करीब 2 बजे डल्लेवाल को खनौरी बॉर्डर से उठा लिया गया है। उन्हें कहां ले गए हैं, इसकी जानकारी नहीं है। जिन्होंने डल्लेवाल को उठाया है, उनमें कई पुलिसवाले हिंदी भाषा बोल रहे थे। डल्लेवाल को CM भगवंत मान के ज्यूरिस्डिक्शन से उठाया गया है, इसलिए पंजाब सरकार को किसानों के प्रति अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। बताना होगा कि उन्हें कहां ले गए हैं? अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
साभार : दैनिक भास्कर
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