इस्लामाबाद. 26/11 मुंबई हमले के गुनहगार और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ अब्दुल रहमान मक्की की मौत हार्ट अटैक की वजह से हो गई है. मक्की, हाफिज सईद का रिश्तेदार और संगठन की टेरर फंडिंग का प्रमुख था. उसे अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने ग्लोबल आतंकवादी घोषित किया था. मक्की ग्लोबल आतंकवादी की सूची में शामिल था. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने मक्की को 1267 ISIL (दा’एश) और अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत लिस्टेड किया था. इस वजह से उसकी प्रोपर्टी फ्रीज कर दी गई थीं समेत यात्रा पर प्रतिबंध और हथियार रखने पर रोक लगाई गई थी.
अब्दुल रहमान मक्की का रोल
लश्कर-ए-तैयबा में अब्दुल रहमान मक्की राजनीतिक विंग का नेतृत्व करता था. इसके अलावा वो जमात-उद-दावा का मुखिया भी था. साथ ही लश्कर के फॉरेन रिलेशन डिपार्टमेंट का हेड रहा. अब्दुल रहमान मक्की की भारत में बड़े आतंकी हमलों में उसकी सीधी भूमिका मानी जाती थी.
भारत में लश्कर के बड़े आतंकी हमले
भारत में पाकिस्तानी आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा ने कई बड़े हमले को अंजाम दिया है, जो इस प्रकार है.
- लाल किला हमला (2000):22 दिसंबर 2000 को लश्कर के 6 आतंकियों ने लाल किले में घुसकर फायरिंग की, जिसमें 2 सैनिक और एक नागरिक की मौत हो गई.
- 26/11 मुंबई हमला (2008):लश्कर के 10 आतंकियों ने अरब सागर के रास्ते मुंबई में एंट्री कर अंधाधुंध फायरिंग की. इस हमले में 175 लोग मारे गए थे.
- रामपुर हमला (2008):1 जनवरी 2008 को सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया गया. इसमें 7 जवान और एक नागरिक मारे गए.
- बारामूला हमला (2018):लश्कर के आतंकियों ने बारामूला में 30 मई को तीन नागरिकों की हत्या कर दी थी.
- श्रीनगर सीआरपीएफ कैंप हमला (2018):12-13 फरवरी को करण नगर में सीआरपीएफ कैंप पर आत्मघाती हमले को अंजाम दिया गया. इस हमले में 1 जवान शहीद हो गया, जबकि एक पुलिसकर्मी घायल हो गया था.
- बांदीपोरा हमला:भारतीय सेना ने घुसपैठ की कोशिश नाकाम की, लेकिन इस दौरान 4 जवान शहीद हुए.
- शुजात बुखारी की हत्या (2018):14 जून को लश्कर ने राइजिंग कश्मीर के एडिटर शुजात बुखारी और उनके दो सुरक्षा गार्डों को मार दिया था.
पाकिस्तान में मक्की की स्थिति
पाकिस्तान में 15 मई 2019 को मक्की को गिरफ्तार किया गया था. उसके खिलाफ 2020 में टेरर फंडिंग के आरोप में पाकिस्तानी अदालत ने सजा सुनाई। गिरफ्तारी के बाद से मक्की लाहौर में हाउस अरेस्ट था. हालांकि, अब मक्की की मौत हो गई, जो लश्कर-ए-तैयबा के संचालन और टेरर फंडिंग गतिविधियों पर बड़ा असर डाल सकता है.
साभार : एबीपी न्यूज
भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं