मंगलवार, सितंबर 17 2024 | 12:33:50 AM
Breaking News
Home / राज्य / महाराष्ट्र / शरद पवार ने जेड प्लस सुरक्षा लेने से किया इनकार

शरद पवार ने जेड प्लस सुरक्षा लेने से किया इनकार

Follow us on:

मुंबई. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार की जेड प्‍लस सिक्‍योरिटी को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है. ऐसी खबरें हैं कि उन्‍होंने जेड प्लस सिक्योरिटी के लिए मना कर दिया है. सिक्योरिटी फ़ोर्स की गाड़ी लेने से भी मना कर दिया है, हालांकि इस पर औपचारिक बयान अभी तक सामने नहीं आया है. वैसे जब हाल ही में केंद्र सरकार ने शरद पवार की सिक्‍योरिटी में इजाफा किया था. तब शरद पवार ने इस पर हैरानी जताई थी. केंद्रीय गृह मंत्री के अधिकारी सुबह शरद पवार के घर में दाखिल हुए थे. इस मामले को लेकर सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस के 15 अधिकारियों ने शरद पवार से आज चर्चा की, लेकिन इस पर कोई बयान अभी सामने नहीं आया है.

शरद पवार के अलावा इन लोगों को Z+

शरद पवार हाल ही में कहा था कि उनको समझ नहीं आ रहा है कि उन्‍हें जेड प्‍लस सिक्‍योरिटी से क्‍यों नवाजा जा रहा है. मुझे इस कदम के पीछे के मकसद की जानकारी नहीं है. उन्‍होंने कहा था कि गृह मंत्रालय के इस कदम के पीछे क्‍या मकसद है? इसकी जानकारी अभी तक मेरे पास नहीं है. अधिकारी ने मुझे बताया कि मेरे अलावा 2 अन्‍य लोगों को भी जेड प्‍लस सिक्‍योरिटी देने का निर्णय लिया गया है. इनमें एक राष्ट्रीय स्वयं सेवक (RSS) प्रमुख मोहन भागवत और दूसरे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हैं.

क्‍या होती है Z+ सिक्‍योरिटी?

शरद पवार अगर जेड प्‍लस सिक्‍योरिटी लेने के तैयार हो जाते, तो उनकी सुरक्षा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 55 सशस्त्र कर्मियों की एक टीम को तैनात  किया जाता. बता दें कि वीआईपी सुरक्षा का वर्गीकरण Z+ (सबसे ऊपर) से शुरू होता है, उसके बाद Z, Y+ , Y और X आते हैं. जेड प्‍लस सिक्‍योरिटी आमतौर पर राजनेता, उद्योगपति, अभिनेता, या अन्य ऐसे लोगों को दी जाती है, जिनकी जान को खतरा हो सकता है. जेड प्लस सुरक्षा में कई सशस्त्र सुरक्षा कर्मचारी शामिल होते हैं जो 24 घंटे सुरक्षा प्रदान करते हैं. सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति को आने-जाने के लिए बुलेटप्रूफ कार भी प्रदान की जाती है. कुछ मामलों में, एनएसजी कमांडो भी सुरक्षा प्रदान करते हैं. भारत में जेड प्लस सुरक्षा केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा प्रदान की जाती है। एक विशेषज्ञ समिति खतरे का आकलन करती है और सुरक्षा के स्तर का निर्धारण करती है.

साभार : एनडीटीवी

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

‘मस्जिद में घुसकर चुन-चुन के मारेंगे’ वाले बयान पर विधायक नितेश राणे के खिलाफ केस दर्ज

मुंबई. अहमदनगर में सकल हिंदू समाज के आंदोलन में पहुंचे बीजेपी विधायक नितेश राणे ने भड़काऊ …