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बांग्लादेश के हिन्दू संत चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका फिर हुई खारिज

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ढाका. बांग्लादेश की कोर्ट से हिंदू आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास को झटका लगा है. चटगांव कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है. उनके वकील अब हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं. चिन्मय कृष्ण दास को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया था. देशद्रोह के आरोप में पुलिस ने उन्हें 25 नवंबर 2024 को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद बांग्लादेश के साथ-साथ दुनिया के अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन शुरू हो गए थे.

चटगांव कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की

डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार जज ने करीब 30 मिनट तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी. चिन्मय कृष्ण दास के वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य ने कहा कि हम एन्जीबी ओक्या परिषद के बैनर तले चटगांव आए हैं. उन्होंने कहा, “मैं सुप्रीम कोर्ट और चटगांव बार एसोसिएशन का सदस्य हूं. ऐसें में मुझे केस को आगे बढ़ाने के लिए किसी स्थानीय वकील की मुहर की जरूरत नहीं है.”

लगभग 11:40 बजे वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट के 11 वकील पुलिस सुरक्षा में दो मिनी बसों में सवार होकर अदालत परिसर से रवाना हो गए. इससे पहले 3 दिसंबर 2024 को चटगांव कोर्ट ने जमानत पर सुनवाई के लिए 2 जनवरी 2025 की तारीख तय की थी. इससे पहले मान्य पावर ऑफ अटॉर्नी और वकील की उपस्थिति की कमी के कारण याचिका खारिज की गई थी.

25 नवंबर को हुई थी चिन्मय दास की गिरफ्तारी

हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास को 25 नवंबर को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था. उन पर बांग्लादेश के झंडे का कथित रूप से अपमान करने के लिए देशद्रोह का आरोप लगाया गया है. बांग्लादेश में हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का लगातार विरोध किया जा रहा है. बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद (BHBCOP) ने 29 दिसंबर 2024 को चिन्मय दास के खिलाफ दर्ज किए गए मामले को झूठा बताया. उन्होंने कहा कि उत्पीड़न के उद्देश्य से चिन्मय दास की गिरफ्तारी की गई.

साभार : एबीपी न्यूज

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