वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका लगा है। अमेरिकी समय के मुताबिक आधी रात से शटडाउन लागू हो गया है। ट्रंप की पार्टी को सीनेट में अस्थायी फंडिंग बिल पास कराने के लिए कम से कम 60 वोटों की जरूरत थी, लेकिन सिर्फ 55 वोट ही जुट पाए। ऐसे में यह प्रस्ताव गिर गया है जो ट्रंप के लिए असहज स्थिति है। ट्रंप प्रशासन के पास अब जरूरी फंडिंग नहीं होगी जिसका साफ मतलब है कि कई संघीय कामकाज रुक सकते हैं। अमेरिकी कानून के तहत जब तक बजट या अस्थायी फंडिंग बिल पास नहीं होता, तब तक ‘गैर-जरूरी’ सरकारी विभागों और सेवाओं को बंद करना पड़ता है। इस स्थिति को ही शटडाउन कहा जाता है।
शटडाउन क्यों होता है?
सरकारी शटडाउन तब होता है जब वार्षिक व्यय विधेयकों पर सहमत नहीं हो पाती है। अमेरिकी सरकार के अलग-अलग विभागों को चलाने के लिए भारी मात्रा में फंड की जरूरत होती है। इसके लिए संसद (कांग्रेस) से बजट या फंडिंग बिल पारित कराना जरूरी होता है। लेकिन, जब राजनीतिक मतभेद या गतिरोध की वजह से फंडिंग बिल पारित नहीं हो पाता, तो सरकार के पास कानूनी रूप से खर्च करने के लिए फंड नहीं बचता। ऐसी स्थिति में अमेरिकी सरकार को अपनी गैर-जरूरी सेवाएं बंद करनी पड़ती हैं, जिसे सरकारी शटडाउन कहा जाता है।
ट्रंप उठा सकते हैं मौके का फायदा
इस बीच यहां यह भी बता दें कि, सात साल बाद यह पहला मौका होगा, जब फंड की कमी की वजह से अमेरिका में कई सेवाएं प्रभावित होंगी। 2018 में ट्रंप के पिछले कार्यकाल के दौरान शटडाउन 34 दिनों तक चला था। इस बार खतरा और गंभीर माना जा रहा है, क्योंकि ट्रंप इसकी आड़ में लाखों कर्मचारियों की छंटनी और कई अहम योजनाओं को बंद करने की तैयारी कर सकते हैं। शटडाउन से ठीक पहले उन्होंने इसके संकेत भी दे दिए हैं।
शटडाउन में क्या होगा?
- अमेरिका में एक अक्तूबर से नया वित्त वर्ष लागू होता है। फंडिंग बिल पास नहीं हुआ है ऐसे में शटडाउन शुरू हो जाएगा।
- सरकारी कर्मचारियों में से 40 फीसदी यानी लगभग 8 लाख कर्मियों को बिना वेतन टेंपरेरी लीव पर भेजा जा सकता है।
- हेल्थ और ह्यूमन सर्विस विभाग ने 41 फीसदी कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजने की तैयारी की है।
- कई सरकारी दफ्तर बंद हो जाएंगे, नेशनल पार्क, म्यूजियम और कई सरकारी वेबसाइटें काम करना बंद कर सकती हैं।
- करीब 8 लाख फेडरल कर्मचारियों को बिना वेतन के अनिवार्य छुट्टी पर भेजा जा सकता है।
- कानून व्यवस्था, सीमा सुरक्षा, मेडिकल और हवाई सेवाओं जैसी जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी।
- शटडाउन का असर ट्रांसपोर्ट सेवाओं पर दिखेगा, उड़ानों में देरी संभव है।
- एक्सपर्ट्स का कहना है कि शटडाउन जितना लंबा चलेगा, उसका दुष्प्रभाव उतना ही ज्यादा होगा।
- शटडाउन लंबा चला तो बाजारों पर असर दिख सकता है और अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
अमेरिका में कब-कब रहा शटडाउन
| वर्ष (तारीख) | कितने दिन चला शटडाउन | कौन था राष्ट्रपति |
| 9 फरवरी 2018 | 1 | ट्रंप |
| 19 दिंसबर 1987 | 1 | रीगन |
| 17 अक्टूबर 1986 | 1 | रीगन |
| 4 अक्टूबर 1984 | 1 | रीगन |
| 1 अक्टूबर 1982 | 1 | रीगन |
| 20 जनवरी 2018 | 2 | ट्रंप |
| 1 अक्टूबर 1984 | 2 | रीगन |
| 21 नवंबर 1981 | 2 | रीगन |
| 6 अक्टूबर 1990 | 3 | बुश |
| 11 नवंबर 1983 | 3 | रीगन |
| 18 दिसंबर 1982 | 3 | रीगन |
| 14 नवंबर 1995 | 5 | क्लिंटन |
| 1 दिसंबर 1977 | 8 | कार्टर |
| 1 नवंबर 1976 | 8 | कार्टर |
| 1 अक्टूबर 1976 | 10 | फोर्ड |
| 1 अक्टूबर 1979 | 1 | कार्टर |
| 1अक्टूबर 1977 | 12 | कार्टर |
| 1 अक्टूबर 2013 | 16 | ओबामा |
| 1 अक्टूबर 1978 | 17 | कार्टर |
| 16 दिसंबर 1995 | 1 | क्लिंटन |
| 22 दिसंबर 2018 | 34 | ट्रंप |
साभार : इंडिया टीवी
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