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पाकिस्तान में अटक गया आसिम मुनीर से जुड़ा फैसला, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अचानक चले गए विदेश दौरे पर

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इस्लामाबाद. पाकिस्तान में एक रिवायत (रिवाज) है कि सेना प्रमुख हो या सरकार (प्रधानमंत्री) जिसे भी अपनी कुर्सी पर खतरा नजर आता है तो फिर उसे कुछ अच्छा नहीं लगता. वो फौरन दुश्मन को ठिकाने लगाने के लिए साजिश के तार बुनने लगता है. सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर और वजीर ए आजम शहबाज शरीफ के बीच भी ऐसा ही द्वंद चल रहा है. शय और मात का खेल भी दोनों तरफ से जारी है. दीवारों के भी कान होते हैं इसलिए कोई दबी जुबान से भी कुछ नहीं कह रहा. इस बीच एक्सपर्ट्स का दावा है कि शहबाज शरीफ ने देश के पहले सीडीएफ की नियुक्ति रोक रखी है.

शहबाज ने किया खेला?

ऑपरेशन सिंदूर की करारी मार से हुए भारी नुकसान और कड़वा सबक सीख चुका पाकिस्तान, भारत की तरह अपनी रक्षा तैयारियां मुकम्मल करने के लिए फड़फड़ा तो रहा है लेकिन तमाम बुनियादी दिक्कतों के चलते वो भारत की उपलब्धियों को कॉपी पेस्ट करके भी खुद को भारत के मुकाबले खड़ा नही हो पा रहा. लेखक और नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजरी बोर्ड (NSAB) के सदस्य तिलक देवाशर का दावा है कि शरीफ जानबूझकर देश से लगातार बाहर हैं ताकि पहले चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) की नियुक्ति का नोटिफिकेशन जारी होने पर मौजूद न रहें.

खेल क्या है?

पाकिस्तान के संविधान में 27वें संशोधन के ज़रिए बनाया गया यह पद फील्ड मार्शल असीम मुनीर संभालेंगे, जिससे वह देश के इतिहास के सबसे ताकतवर आर्मी चीफ बन जाएंगे. मुनीर के इम्युनिटी अमेंडमेंट की आलोचना के बाद पाकिस्तान ने UN में गुस्सा दिखाया, जिससे मिलिटरिज्म बढ़ने का खतरा है. देवाशर ने बताया कि शरीफ ने ये सारा काम बड़ी शराफत से किया. वो पहले बहरीन और फिर वहां से जहाज पकड़कर लंदन निकल लिए, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि वो नोटिफिकेशन जारी करने से बचने के लिए जानबूझकर दूर-दूर रह रहे हैं.

पाकिस्तान पर चार किताबें लिख चुके देवाशर ने कहा, शरीफ, मुनीर को आर्मी चीफ और चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज के तौर पर 5 साल का कार्यकाल देने वाला नोटिफिकेशन जारी नहीं करना चाहते. क्योंकि उन्हें लगता है कि पाकिस्तान से दूर रहकर और नोटिफिकेशन पर साइन न करके, वह मुनीर का रास्ता रोक सकते हैं.’

यह कमेंट शरीफ की सरकार के 29 नवंबर की डेडलाइन तक मुनीर को पहला CDF अपॉइंट करने वाला ज़रूरी नोटिफिकेशन जारी करने में नाकाम रहने के बाद आया है, जिस दिन आर्मी चीफ के तौर पर उनका ओरिजिनल तीन साल का कार्यकाल खत्म हुआ था. CDF पोस्ट बनने के साथ, जॉइंट चीफ़्स ऑफ़ स्टाफ़ कमेटी के चेयरमैन का ऑफ़िस ऑफिशियली खत्म कर दिया गया है. उन्होंने ये भी कहा पाकिस्तान बहुत नाजुक वक्त यानी गड़बड़ी के हालातों के बीच से गुजर रहा है.

साभार : जी न्यूज

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