नई दिल्ली. भारतीय नौसेना की ताकत में एक और बड़ा कदम जुड़ा है. नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने बताया कि फ्रांस से खरीदे जा रहे 26 राफेल-M में से पहला बैच 2029 के अंत तक नौसेना को सौंप दिए जाएंगे. यह ऐलान नेवी डे से ठीक पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया गया, जहां एडमिरल त्रिपाठी ने नौसेना की बढ़ती क्षमताओं पर जोर दिया.
एडमिरल त्रिपाठी के मुताबिक, राफेल-M डील के तहत डिलीवरी कॉन्ट्रैक्ट साइन होने के चार साल बाद शुरू हो जाएगी. यह सौदा करीब 60,000 करोड़ रुपये का है, जिसमें 26 विमान शामिल हैं. इनमें ज्यादातर सिंगल-सीटर, लेकिन चार ट्विन-सीटर ट्रेनर वेरिएंट है. यह विमान खासतौर पर एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत के लिए डिजाइन किए गए हैं, जो नौसेना की कैरियर-बेस्ड ऑपरेशंस को मजबूत करेंगे.
राफेल-M से समुद्री सुरक्षा होगी प्रभावी
यह समझौता इसी साल की शुरुआत में फाइनलाइज किया गया था. जुलाई 2023 में रक्षा मंत्रालय ने इसकी मंजूरी दी थी और अप्रैल 2025 में फ्रांस के साथ इंटर-गवर्नमेंटल एग्रीमेंट (IGA) पर हस्ताक्षर हुए थे. एडमिरल त्रिपाठी ने बताया कि डील अब कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की अंतिम मंजूरी के एक कदम दूर है और सरकारी स्तर पर होने से यह जल्द पूरा हो जाएगा.
नौसेना प्रमुख ने कहा कि राफेल-M नौसेना की क्षमताओं को नई ऊंचाई देगा, खासकर इंडियन ओशन रीजन (IOR) में बढ़ते खतरों के बीच. उन्होंने यह भी जिक्र किया कि यह खरीद चीन और पाकिस्तान की नौसैनिक गतिविधियों पर नजर रखने में अहम भूमिका निभाएगी.
नौसेना खतरों से निपटने के लिए तैयार
यह डेवलपमेंट नौसेना के लिए मील का पत्थर साबित होगा, क्योंकि राफेल-एम एयर फोर्स के राफेल जेट्स से अलग है. इसमें कैरियर ऑपरेशंस के लिए स्पेशल फीचर्स जैसे मजबूत लैंडिंग गियर और एरेस्टेड लैंडिंग सिस्टम हैं. पूरी फ्लीट 2031 तक आ जाएगी, जो भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत स्वदेशी ट्विन-इंजन डेक-बेस्ड फाइटर (TEDBF) आने तक ब्रिज का काम करेगी. एडमिरल त्रिपाठी ने पुष्टि की कि नौसेना सभी खतरों से निपटने को तैयार है.
साभार : न्यूज18
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