बेंगलुरु. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) घोटाले में बड़ी कार्रवाई की है. ED ने 34 अचल संपत्तियों (immovable properties) को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है. जब्त की गई इन संपत्तियों की कुल कीमत करीब 40.08 करोड़ बताई जा रही है. ED ने यह कार्रवाई बीते 4 अक्टूबर 2025 को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) 2002 के तहत की है.
साइटों के आवंटन में सरकारी नियमों की अनदेखी
ED ने इस मामले में 18 और 28 अक्टूबर 2024 को कई जगहों पर छापेमारी की थी. छानबीन के दौरान यह पाया गया कि साइटों का आवंटन सरकारी नियमों और आदेशों की पूरी तरह अवहेलना करते हुए किया गया था. इसमें 14 मार्च 2023 के पत्र, 27 अक्टूबर 2023 के सरकारी आदेश, और कर्नाटक अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटीज के नियमों (2009, 2015 संशोधित) की भी अनदेखी की गई थी.
अधिकारियों और कारोबारियों के बीच सांठगांठ
ED की छापोमारी में यह भी पता चला कि MUDA अधिकारियों और रियल एस्टेट कारोबारियों के बीच गहरी सांठगांठ थी. कई मामलों में नकद भुगतान लेकर साइटें आवंटित की गईं और लेआउट की मंजूरी दिलाई गई. इससे पहले भी, ED ने इस केस में 252 अवैध रूप से आवंटित MUDA साइटों को जब्त किया था. मुख्य आरोपी जी.टी. दिनेश कुमार को 16 सितंबर 2025 को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वो न्यायिक हिरासत में है.
करीब 440 करोड़ की संपत्तियां जब्त
जानकारी के मुताबित अब तक इस पूरे घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने करीब 440 करोड़ मूल्य की संपत्तियां जब्त की हैं. एजेंसी की जांच अभी जारी है. फिलहाल यह पता लगाया जा रहा है कि इस घोटाले में और कौन-कौन शामिल है.
साभार : टीवी9 भारतवर्ष
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