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सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्‍बास अंसारी को दी अंतरिम जमानत

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लखनऊ. माफ‍िया मुख्‍तार अंसारी के विधायक बेटे अब्‍बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है. जमानत के बाद अब्‍बास अंसारी को लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर ही रहना होगा. उन्‍हें अपने विधानसभा क्षेत्र में जाने से पहले जिला प्रशासन के अधिकारियों और कोर्ट को सूचित करना होगा. कोर्ट के बिना इजाजत के अब्‍बास अंसारी प्रदेश नहीं छोड़ सकेंगे. बता दें कि अब्‍बास अंसारी को चित्रकूट के कर्वी में गैंगस्‍टर के तहत दर्ज मामले में जमानत मिली है.

जेल से बाहर आने का रास्‍ता साफ!

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि वह अदालत की बिना अनुमति उत्तर प्रदेश छोड़कर न जाए. इतना ही नहीं अदालतों में पेश होने से एक दिन पहले पुलिस अधिकारियों को सूचित करें. सुप्रीम कोर्ट ने अब्‍बास अंसारी द्वारा जमानत शर्तों के अनुपालन पर पुलिस से 6 सप्ताह में स्थिति रिपोर्ट मांगी है. पीठ ने कहा कि उन्हें गैंगस्टर अधिनियम मामले को छोड़कर सभी आपराधिक मामलों में जमानत दी गई थी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट से पहले ही मिल चुकी है जमानत

बता दें कि पिछले साल 18 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्‍बास अंसारी की उस मामले में जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन पर और कुछ अन्य लोगों पर वित्तीय एवं अन्य लाभ के लिए गिरोह बनाने का आरोप लगाया गया था. चित्रकूट के कोतवाली कर्वी थाने में 31 अगस्त, 2024 को अंसारी, नवनीत सचान, नियाज अंसारी, फराज खान और शाहबाज आलम खान के खिलाफ उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स एवं असामाजिक क्रियाकलाप (रोकथाम) अधिनियम, 1986 की धारा दो, तीन के मामला दर्ज किया गया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में भी अब्‍बास अंसारी को अंतरिम जमानत दे दी है.

पिछले साल सितंबर में किया गया था गिरफ्तार

माना जा रहा है कि इसके बाद सुभासपा पार्टी से मऊ से विधायक अब्‍बास अंसारी जेल से बाहर आ सकेंगे. गौरतलब है कि अब्‍बास अंसारी को 6 सितंबर 2024 को गिरफ्तार किया गया था. अब्‍बास के पिता मुख्‍तार अंसारी बांदा जेल में बंद था. तबीयत खराब होने पर मुख्‍तार को जिला अस्‍पताल ले जाया गया था. जहां इलाज के दौरान अब्‍बास अंसारी की मौत हो गई थी. परिजनों मुख्‍तार की मौत पर जेल प्रशासन के खिलाफ सवालिया निशान खड़े किए थे.

साभार : जी न्यूज

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