इस्लामाबाद. भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत जिन आतंकवादी ठिकानों को चुन-चुनकर जमींदोज किया था, अब उनके फिर से तैयार होने की आहट मिलने लगी है. इस काम में वही मसूद अजहर लगा हुआ है, जिसके तमाम आतंकी रिश्तेदारों को भारतीय वायुसेना ने जहन्नुम भेजा था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद ने आपरेशन सिंदूर के दौरान तबाह हुए आतंकवादी हेडक्वार्टरों के पुनर्निर्माण के लिए कोशिशें तेज कर दी हैं. पाकिस्तान और खाड़ी देशों के मुस्लिम समुदाय से आतंकी कटोरा लेकर चंदा मांग रहे हैं.
इस बारे में बाकायदा सोशल मीडिया पर भी गुपचुप तरीके से लोगों से पैसे मांगे जा रहे हैं और उन आतंकवादियों की पनाहगार बनी मस्जिदों को फिर से बनाने की कोशिश हो रही है, जिन्हें भारत ने तबाह किया था. पाकिस्तान के दोनों अहम आतंकवादी संगठनों ने अपने आतंकवादी परिसरों को फिर खड़ा करने के लिए खाड़ी देशों के मुसलमानों से पैसे उगाहने शुरू कर दिए हैं. आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद ने अपने मुख्यालय जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह के पुनर्निर्माण के लिए भीख मांंगी है, वो भी अल्लाह और दीन के नाम पर.
आतंकियों का गढ़ तैयार करने के लिए चंदा
खाड़ी देशों में लश्कर और जैश के फ्रंट संगठन खुलेआम यह चंदा जकात के तौर पर मांग रहे हैं. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तान प्रशासन ने इन दोनों आतंकवादी संगठनों ने कहा है कि वह अपने तौर पर जितना चंदा एकत्र हो सकता है उतना चंदा एकत्र करें. इसके अलावा जो कुछ बचता है, उसकी मदद पाकिस्तान प्रशासन की ओर से कर दी जाएगी. जैश ए मोहम्मद का लीड टेररिस्ट मसूद अजहर चाहता है कि जिस परिसर में उसके परिवार के 10 लोगों की जान गई है उस जगह को फिर से जिंदा किया जाए, ताकि वहां एक बार फिर आतंकवादियों की टोली तैयार की जा सके. इस परिसर में उसके परिजनों के नाम के पत्थर भी लगाए गए हैं.
आतंकवादी संगठन लश्कर की ओर से मुस्लिम समुदाय के बीच के प्रचार किया जा रहा है कि भारत सरकार मुसलमानों के नेक इरादे को कुचलना चाहती है इसके लिए जरूरी है कि मुसलमान दीन के नाम पर खुलकर सहयोग करें. दिलचस्प यह भी है कि इस चंदा मांगने की जानकारी दुनिया की ज्यादातर खुफिया एजेंसियों को है लेकिन अमेरिका समेत सभी प्रमुख देशों मैं इस तरफ चुप्पी साध रखी है. वैसे अमेरिका की दोहरी नीति जब सीआईए के घोषित आतंकवादी को अपने साथ काम का ऑफर दे सकती है तो वो भला पाकिस्तान की इस चाल पर कैसे कुछ बोलेगा?
साभार : न्यूज18
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