
मुंद्रा (गुजरात): अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च 2025) से पहले, अदाणी फाउंडेशन ने गुजरात के कच्छ जिले के मुंद्रा में एक कार्यक्रम के दौरान 1,000 से अधिक ‘लखपति दीदियों’ को सम्मानित किया।
फाउंडेशन लंबे समय से कच्छ और अन्य स्थानों पर महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रहा है। यह महिलाओं को मार्गदर्शन देकर, उनके कौशल विकास और उद्यमिता के अवसरों को बढ़ावा देने के साथ उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का निरंतर प्रयास है।
महिला-समावेशी कार्यस्थल और समाज बनाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए, फाउंडेशन ने इस अवसर पर अदाणी सोलर में कार्यरत 614 से अधिक महिलाओं की सामूहिक क्षमता को भी सराहा। फाउंडेशन ने इन महिलाओं को अदाणी सोलर में अलग-अलग नौकरी के अवसरों जैसे टेक्निकल एसोसिएट्स, ह्यूमन रिसोर्सेज (एचआर), मैन्युफैक्चरिंग और प्रोडक्शन डिपार्टमेंट्स में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा, फाउंडेशन ने 850 से अधिक महिलाओं को उद्यमिता कौशल सिखाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद की है।
इस कार्यक्रम में गुजरात सरकार की ग्रामीण विकास आयुक्त और सचिव, मनीषा चंद्रा (आईएएस) ने समावेशी कार्यबल बनाने की दिशा में काम करने के अदाणी फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना करते हुए शुभकामनाएं दी, अपना बधाई संदेश भेजकर उन्होंने सभी का हौसला बढ़ाते हुए कहा, “यह गर्व की बात है कि महिलाएं रूढ़िवादी सोच को तोड़कर आर्थिक रूप से स्वतंत्र बन रही हैं। इस तरह की पहल न केवल महिलाओं को सशक्त बनाती हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करती है।” इस कार्यक्रम में अमी शाह, निदेशक, अदाणी पब्लिक स्कूल, मुंद्रा भी शामिल हुईं।
इस अवसर पर, अदाणी फाउंडेशन की गुजरात की सीएसआर हेड, पंकति शाह ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए समाज की सामूहिक जिम्मेदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “महिलाओं की प्रगति के लिए परिवार, समाज और कॉरपोरेट सेक्टर का सहयोग जरूरी है। जब महिलाओं को अपने प्रोफेशनल और निजी जीवन में संतुलन बनाने की आजादी मिलती है, तो वे न केवल अपने करियर में आगे बढ़ती हैं, बल्कि अपने परिवार और समाज में भी सकारात्मक बदलाव लाती हैं।”
अदाणी सोलर अपने कार्यस्थलों पर महिला कर्मचारियों के लिए सुविधाएं प्रदान करता है, जिससे उनके लिए सुरक्षित और अनुकूल माहौल बनाया जा सके। इनमें लॉकर रूम, कैंटीन, पिंक टॉयलेट्स और सुरक्षा गार्ड के साथ परिवहन सुविधाएं शामिल हैं, जिससे कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित होती है।
अदाणी सोलर की टेक्निकल एसोसिएट, गढ़वी सोनल राम ने कहा, “आज मैं आर्थिक रूप से स्वतंत्र हूं और अपने परिवार का सहारा बन सकी हूं। यह मेरे लिए किसी सपने के सच होने जैसा है। पहले, हमारे समुदाय में लड़कियों का घर से बाहर जाकर काम करना असंभव था क्योंकि सुरक्षित परिवहन की सुविधा नहीं थी। लेकिन अदाणी सोलर की विशेष परिवहन सुविधा के कारण, मैं आराम से अपने कार्यस्थल तक पहुंच पाती हूं और मेरा परिवार भी मेरी सुरक्षा को लेकर निश्चिंत रहता है।”
तीन दशकों से, अदाणी फाउंडेशन देशभर में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। इसके ‘बटरफ्लाई इफेक्ट’ फ्रेमवर्क के तहत, महिलाओं की जीवन के हर चरण, बचपन से लेकर वृद्धावस्था तक, में बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं। आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान देते हुए, फाउंडेशन शिक्षा, स्वास्थ्य, सतत आजीविका, उद्यमिता और सामुदायिक विकास के क्षेत्रों में बदलाव लाने के लिए काम कर रहा है। इससे महिलाएं खुद और अपने परिवार के लिए सशक्त निर्णय लेने में सक्षम बन रही हैं।
अपने प्रयासों से, अदाणी फाउंडेशन अब तक देशभर में 20 लाख से अधिक लड़कियों और महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला चुका है।
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