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पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा करेगी टोरेस निवेश घोटाले की जांच

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मुंबई. टोरेस निवेश घोटाला मामले की जांच अब मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) करेगी। बुधवार को दादर के शिवाजी पार्क पुलिस ने घोटाले से संबंधित फाइल EOW के अधिकारियों को सौंप दी। बुधवार को EOW के अधिकारियों ने शिवाजी पार्क पुलिस स्टेशन का दौरा कर केस से संबंधित सभी जानकारी हासिल की। वहीं दूसरी ओर टोरेस कंपनी के मालिकों के खिलाफ लुकआउट भी जारी कर दिया गया है। EOW के एक अधिकारी ने बताया कि हमने 66 से अधिक निवेशकों के बयान दर्ज किए हैं। इस मामले में फरार दो आरोपियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया है। दोनों आरोपी यूक्रेनी नागरिक हैं। इनके नाम विक्टोरिया कोवलेंको और तौफीक रियाज उर्फ जॉन कार्टर हैं।

टोरेस कंपनी के दो अकाउंट सीज

वहीं, मीरा-भाईंदर, वसई-विरार आयुक्तालय ने कंपनी के दो अकाउंट फ्रीज किए हैं। डीसीपी प्रकाश गायकवाड ने बताया कि दोनों खातों में 1.77 करोड़ और 7.40 करोड़ रुपये जमा हैं। शिकायतकर्ता ऐडवोकेट तरुण शर्मा का कहना है कि एमबीवीवी पुलिस के समय रहते बैंक अकाउंट फ्रीज करने से निवेशकों के रुपये वापस मिलने की संभावना बढ़ गई है। पुलिस के पास अब तक लगभग 50 शिकायतकर्ता पहुंचे हैं।

1,000 करोड़ से अधिक का घोटाला: सौमैया

प्रथम दृष्टया यह मामला 13.48 करोड़ से कई गुना अधिक का है। हालांकि, अब तक 90 लोगों की शिकायतें आ चुकी हैं। यह सिलसिला जारी है। बीजेपी नेता किरीट सौमैया ने शिवाजी पार्क पुलिस स्टेशन और टोरेस स्टोर का दौरा कर ठगी के शिकार लोगों को सांत्वना दी। उन्होंने मीडिया को बताया कि यह मामला 1,000 करोड़ से अधिक के घोटाले का है। इसकी पूरी गंभीरता से जांच होनी चाहिए और निवेशकों के पैसे वापस मिलने चाहिए।

टोरेस कंपनी के घोटाले का क्या मामला

शिवाजी पार्क पुलिस ने प्लैटिनम हर्न प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, जो ‘टोरेस’ आभूषण ब्रैंड चलाती है, उसके 5 निदेशकों के खिलाफ फर्म में निवेश पर आकर्षक रिटर्न का वादा कर 13.48 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। कंपनी के तीन शीर्ष अधिकारियों, जिनमें दो विदेशी नागरिक हैं, को मंगलवार शाम को गिरफ्तार कर लिया गया था। सभी को 13 जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। जांच के दायरे को देखते हुए यह मामला बुधवार को EOW को हस्तांतरित कर दिया गया है। धोखाधड़ी का यह मामला सोमवार शाम को तब सामने आया, जब 300 से अधिक निवेशक दादर (पश्चिम) में वास्तु सेंट्रल बिल्डिंग स्थित टोरेस स्टोर के बाहर इकट्ठा हुए थे। मुंबई के अलावा, नवी मुंबई, मीरा-भाईंदर सहित आस-पास के उपनगरों के सैकड़ों निवेशकों को भी कंपनी ने निवेश योजना की आड़ में धोखा दिया है।

कौन हैं गिरफ्तार किए गए आरोपी

दक्षिण मुंबई के उमरखाडी निवासी सर्वेश अशोक सुर्वे (30), उजबेकिस्तान के नागरिक तानिया उर्फ़ तज़ागुल कराक्सानोव्ना ज़सातोवा (52) और रूसी नागरिक वेलेंटीना गणेश कुमार (44) इस कंपनी के शीर्ष अधिकारी हैं। सुर्वे का प्रोफाइल प्लैटिनम हर्न प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में निदेशक और तानिया महाप्रबंधक थी, जबकि वेलेंटीना कंपनी में स्टोर प्रभारी थी।

साभार : नवभारत टाइम्स

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