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महाराष्ट्र विधानसभा में पारित हुआ विशेष नागरिक सुरक्षा बिल

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मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा ने शहरी नक्सलवाद और वामपंथी उग्रवाद जैसी अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए ‘विशेष नागरिक सुरक्षा बिल’ पारित कर दिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बिल को पेश करते हुए भरोसा दिलाया कि इसका दुरुपयोग नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस कानून में 12,500 से अधिक जन सुझावों को शामिल किया गया है। बिल में एक सलाहकार बोर्ड भी बनाया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या रिटायर्ड चीफ जस्टिस करेंगे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र विधानसभा में ‘विशेष नागरिक सुरक्षा बिल’ पास होने के बाद कहा कि यह कानून तेलंगाना और झारखंड जैसे राज्यों के कानूनों से अधिक संतुलित और प्रगतिशील है। उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी का स्तर एसपी से ऊपर होगा और मामले की निगरानी के लिए उच्चस्तरीय सलाहकार बोर्ड बनेगा। विपक्ष की आशंकाओं के बावजूद बिल को संयुक्त चयन समिति की सिफारिशों के बाद बिना असहमति के पास किया गया। अब इसे विधान परिषद में पेश किया जाना बाकी है।

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को मिली रफ्तार

भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना को बड़ी कामयाबी मिली है। मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स से ठाणे के शिलफाटा के बीच 2.7 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण पूरा हो गया है। यह हिस्सा 21 किलोमीटर की सुरंग का अहम भाग है, जिसमें से 16 किलोमीटर टनल बोरिंग मशीन से और पांच किलोमीटर न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड से बनाई जा रही है। एनआचआरसीएल ने बताया कि इस टनल में सात किमी का अंडरसी सेक्शन भी शामिल है, जो ठाणे क्रीक के नीचे से जाएगा। सुरक्षा के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं।

महाराष्ट्र की जेलों में क्षमता से 12,000 से ज्यादा कैदी

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को विधान परिषद में बताया कि राज्य की 60 जेलों में मई 2025 तक कुल 39,527 कैदी थे, जबकि इनकी अधिकतम क्षमता सिर्फ 27,184 कैदियों की है। यानी 12,343 कैदी ज्यादा हैं। मुंबई की केंद्रीय जेलों की हालत और भी गंभीर है। यहां की क्षमता 999 कैदियों की है, लेकिन मई 2025 तक वहां 3,268 कैदी बंद थे, जो क्षमता से तीन गुना ज्यादा है। फडणवीस ने कहा कि सरकार नई जेलें बना रही है और पुरानी जेलों में नए बैरक जोड़कर जगह बढ़ाई जा रही है। इन प्रयासों से 17,110 अतिरिक्त कैदियों को रखने की व्यवस्था की जा सकेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि गरीब कैदियों की मदद के लिए ‘सपोर्ट टू पुअर प्रिजनर्स’ योजना के तहत जमानत या जुर्माना भरने में आर्थिक सहायता दी जाती है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और कुछ गैरसरकारी संस्थाएं (NGOs) भी जरूरतमंद कैदियों को मुफ्त कानूनी मदद देती हैं।

साभार : अमर उजाला

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