नई दिल्ली. नेपाल के बहाने शंकराचार्य ने भारत में भी राजतंत्र को लोकतंत्र से बेहतर बताया है. उन्होंने कहा कि जबतक नेपाल हिन्दू राष्ट्र था और वहां राजशाही यानी कि राजतंत्र था तब तक नेपाल में खुशहाली थी. लेकिन लोकतंत्र और सेक्युलर स्टेट बनने के बाद नेपाल की ये हालत हुई.
ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती आज से बिहार के चुनावी दौरे पर हैं. बिहार के हर जिले में वो जाएंगे और गोरक्षा के नाम पर निर्दलीय उम्मीदवार को अपना समर्थन देंगे. शंकराचार्य किसी भी राजनीतिक दल के उम्मीदवार को अपना समर्थन नही देंगे. शंकराचार्य ने कहा कि जब सब कुछ वोट से ही तय होना है तो अब ऐसा ही होगा.
उन्होंने कहा कि वोटरों के बीच जाएंगे और गोरक्षा के प्रति जो लोग कृतसंकल्प हैं, उनको इस बात का एहसास कराना है कि गोहत्या के ख़िलाफ जो भी निर्दलीय प्रत्याशी अपना समर्थन दे रहा है या गाय को राष्ट्रीय माता का दर्जा दिलाने के लिए संकल्पित है, उसको अपना वोट देना है. हम किसी भी राजनीतिक दल के समर्थन में नही हैं क्योंकि किसी भी दल ने गोहत्या के ख़िलाफ अपना समर्थन नही दिया.
साभार : टीवी9 भारतवर्ष
भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं
Matribhumisamachar


