मंगलवार, दिसंबर 09 2025 | 01:25:28 PM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी करे पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की निगरानी : राजनाथ सिंह

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी करे पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की निगरानी : राजनाथ सिंह

Follow us on:

जम्मू. पहलगाम में आतंकियों ने 26 लोगों का नरंसहार किया. इसके बाद खून की होली खेलने वाले आतंकवादियों को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर उनके सीने पर घाव दिए हैं. इस घाव को आतंकवादी और उसका आका देश पाकिस्तान कभी नहीं भूल सकता है. इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को ललकारते हुए कहा, ‘‘पूरी दुनिया देखे क्या परमाणु हथियार ऐसे गैर-जिम्मेदार और दुष्ट राष्ट्र के हाथों में सुरक्षित हैं?’’ उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) से पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की निगरानी की मांग की है.

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद जम्मू कश्मीर की अपनी पहली यात्रा पर आए रक्षा मंत्री ने सैनिकों से बातचीत में कहा कि इस अभियान ने आतंकी संगठनों और पाकिस्तान में उनके आकाओं को साफ बता दिया कि उन्हें खुद को कहीं भी सुरक्षित नहीं मानना चाहिए. रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘मैं पूरी दुनिया के सामने यह प्रश्न उठाना चाहता हूं कि पाकिस्तान जो कि एक दुष्ट और गैर जिम्मेदार देश है क्या उसके हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं ?’’

ऑपरेशन सिंदूर का टाइमलाइन

  • 7 मई – ऑपरेशन शुरू
  • 6-7 मई की रात – आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले
  • 10 मई – पाकिस्तान की जवाबी कोशिश
  • 10 मई – भारत ने 8 पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर हमला
  • 10 मई की शाम– भारत ने पाकिस्तान की गुहार पर सैन्य कार्रवाई रोकने की घोषणा

राजनाथ सिंह ने IAEA निगरानी की मांग

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की निगरानी में लिया जाना चाहिए. IAEA वैश्विक परमाणु आयुध निगरानी संस्था है. राजनाथ सिंह जम्मू कश्मीर में खासतौर पर नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए यहां पहुंचे हैं. अधिकारियों ने बताया कि सेना के शीर्ष अधिकारी रक्षा मंत्री को मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराएंगे.

भारत के साथ धोखाधड़ी की कीमत चुका रहा पाकिस्तान- रक्षा मंत्री

राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर जवानों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत कभी युद्ध का पक्षधर नहीं रहा लेकिन जब हमारी संप्रभुता पर हमला होगा तो हम जवाब देंगे.’’ उन्होंने कहा कि आतंकवाद को लेकर भारत के साथ धोखाधड़ी के लिए पाकिस्तान भारी कीमत चुका रहा है और अगर आतंकवाद जारी रहा तो यह कीमत बढ़ती जाएगी.

पाकिस्तान की छाती पर चोट

राजनाथ सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को आतंकवाद के खिलाफ भारत की सबसे बड़ी कार्रवाई करार देते हुए कहा कि भारत ने पूरी दुनिया को साफ बता दिया है कि हम आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान की छाती पर चोट पहुंचाई गई और उसके जख्मों का एकमात्र इलाज आतंकी संगठनों को पनाह देना बंद करना तथा अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होने देना ही है.

अटल बिहारी वाजपेयी का भी किया जिक्र

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत पिछले 35-40 साल से सीमापार आतंकवाद का सामना करता रहा है. उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले को अंजाम देकर भारत के मस्तक को चोट पहुंचाने और देश की सामाजिक एकता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई. राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से कहा था कि भारत में अब और आतंकवाद नहीं फैलाया जाएगा, लेकिन उसने भारत के साथ धोखा किया और आज भी धोखेबाजी कर रहा है. रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को स्पष्ट रूप से पुन: रेखांकित किया है, इसमें कहा गया है कि किसी भी आतंकवादी हमले को युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में छिपे आतंकी और उनके आका अब भारतीय बलों के निशाने पर हैं. रक्षा मंत्री श्रीनगर में भारतीय सेना की 15 कोर में समग्र स्थिति के साथ-साथ अग्रिम पंक्ति के सैनिकों की युद्ध तैयारियों की समीक्षा भी करेंगे.

क्या-क्या हुआ?

गौरतलब है कि कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने छह-सात मई की रात को पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ढांचों पर सटीक हमले किए, जिसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया. पाकिस्तानी कार्रवाइयों का भारतीय पक्ष ने कड़ा जवाब दिया. भारतीय सेना ने 26 सैन्य ठिकानों पर हमला करने के पाकिस्तान के प्रयासों के जवाब में 10 मई को मिसाइलों और अन्य लंबी दूरी के हथियारों से आठ पाकिस्तानी हवाई ठिकानों को निशाना बनाया. दोनों पक्षों ने 10 मई को अपराह्न में सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच वार्ता के बाद सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति की घोषणा की थी.

साभार : न्यूज18

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

निजी गतिविधियों की तस्वीर लेना या वीडियो बनाना ही ताकझांक वाला क्राइम : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी महिला की सिर्फ तस्वीर खींचना या मोबाइल फोन …