गंगटोक. भारतीय सेना की त्रिशक्ति कोर के जांबाज सैनिकों ने सिक्किम के कठिन और दुर्गम भू-भाग में युद्धाभ्यास के तहत 17,000 फीट की ऊंचाई तक पूरे युद्ध भार के साथ सफल रूट मार्च कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह अभियान 9 से 15 सितंबर 2025 तक चला। छह दिनों और रातों तक चले इस कठिन अभ्यास के दौरान सैनिकों को खड़ी चढ़ाइयों, बर्फीली हवाओं और पथरीले रास्तों से गुजरना पड़ा। इस दौरान हर सैनिक ने हथियार, उपकरण और जीवन रक्षक सामग्री अपने साथ वहन की, जो उच्च पर्वतीय युद्धक्षेत्र की वास्तविक परिस्थितियों का प्रतीक है।
यह अभ्यास सेना की शारीरिक, मानसिक और रणनीतिक क्षमता को परखने का महत्वपूर्ण अवसर रहा। इस दौरान सैनिकों ने यह सिद्ध कर दिया कि वे किसी भी मौसम और परिस्थिति में युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार हैं। यद्यपि भारतीय सेना अपने अभियानों में आधुनिक तकनीक, ड्रोन और स्मार्ट लॉजिस्टिक्स का उपयोग करती है, फिर भी इस प्रकार के अभ्यास यह सुनिश्चित करते हैं कि जब तकनीकी सहायता सीमित हो, तब भी सैनिक अपने साहस, सहनशक्ति और टीमवर्क के बल पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।
त्रिशक्ति कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल जुबिन ए. मिनवाला ने इस मौके पर कहा, “प्रौद्योगिकी हमारी क्षमताओं को अवश्य बढ़ाती है, लेकिन अंततः सैनिकों का साहस, अनुशासन और सामूहिक कार्यशक्ति ही युद्ध में विजय दिलाती है। यह मार्च हमारी उस क्षमताओं को पुष्ट करता है जो कठिनतम परिस्थितियों में भी लड़ने और जीतने का विश्वास देती हैं।”
SHABD, September 16, 2025
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