बेंगलुरु. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके परिवार को MUDA केस में बड़ी राहत मिली है. लोकायुक्त पुलिस ने बताया कि MUDA केस में सिद्धारमैया, उनकी पत्नी और अन्य लोगों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है. लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक, MUDA केस में सबूतों का बहुत अभाव है. आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है. सूत्रों के मुताबिक, सिद्धारमैया एक समन मिलने पर लोकायुक्त पुलिस के सामने पेश हुए थे, जहां लोकायुक्त पुलिस ने मुख्यमंत्री से करीब 2 घंटे तक पूछताछ की.
पत्रकारों से बात करते हुए सीएम सिद्धारमैया ने कहा था, ‘मैंने सभी सवालों के जवाब लोकायुक्त पुलिस को दे दिए हैं और उन्हें पूरी सच्चाई बता दी है. जब तक कोर्ट का कोई फैसला नहीं आता, तब तक मैं बेदाग हूं. मेरे खिलाफ लगाए गए सारे आरोप झूठे हैं.’ इस मामले को लेकर कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा, ‘उन्होंने कोई गलती नहीं की है. इसके बावजूद कानून का सम्मान करते हुए वो लोकायुक्त पुलिस के सामने पेश हुए.’
जानिए पूरा मामला
ये पूरा मामला मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़ा है जिसमें मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर अवैध रूप से अपनी पत्नी को साइट आवंटित कराने का आरोप है. ये आवंटन तब हुआ था, जब कर्नाटक में बीजेपी की सरकार थी. RTI कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की थी जिसमें मांग की गई थी कि मुख्यमंत्री सिद्धरामैया की पत्नी पार्वती को MUDA से 14 साइटों के आवंटन की जांच CBI को सौंपी जाए.
याचिका में आरोप लगाया गया है कि ये आवंटन नियमों का उल्लंघन कर किया गया था. इस कारण ये मामला सरकारी जमीन के दुरुपयोग का बनता है. इस केस को लेकर कर्नाटक की सियासत में काफी हलचल मची है. विपक्ष इस मुद्दे पर सीएम सिद्धारमैया को घेर रहा है. हाई कोर्ट के फैसले के बाद अब सीएम सिद्धारमैया को लोकायुक्त पुलिस से भी राहत मिली है.
साभार : एबीपी न्यूज
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