सोमवार, दिसंबर 15 2025 | 12:11:19 PM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / चीन ने ताइवान पर डोनाल्ड ट्रंप के दावे को किया खारिज

चीन ने ताइवान पर डोनाल्ड ट्रंप के दावे को किया खारिज

Follow us on:

बीजिंग. अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप को अपने एक बयान की वजह से अब चीन के गुस्‍से का सामना करना पड़ रहा है. चीन ट्रंप के उस बयान पर भड़का है जिसमें उन्‍होंने दावा किया था कि चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग ने उन्‍हें भरोसा दिलाया है कि चीन ताइवान पर हमला नहीं करेगा. चीन ने ताइवान के मसले को एक आतंरिक मामला बताते हुए ट्रंप की टिप्‍पणियों को खारिज कर दिया है. सोमवार को चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से इस पूरे मामले पर बयान जारी किया गया है. विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा है कि ताइवान, चीन का आंतरिक मामला है.

चीन का अभिन्‍न हिस्‍सा

ट्रंप ने फॉक्‍स न्‍यूज को दिए इंटरव्‍यू में कहा था कि जिनपिंग ने उनसे कहा है कि जब तब वह व्‍हाइट हाउस में हैं तब तक ताइवान पर हमला नहीं होगा. ट्रंप ने अलास्‍का में रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमिर पुतिन से मुलाकात के बाद यह बात कही थी. एक रूटीन प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में चीन के विदेश मंत्रालय से इस बारे में सवाल किया गया था. मंत्रालय के प्रवक्‍ता माओ निंग ने कहा कि ताइवान चीनी क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा है.

‘समाधान हमारा मामला’

उन्होंने कहा, ‘ताइवान का मुद्दा पूरी तरह से चीन का आंतरिक मामला है और इसका समाधान कैसे किया जाए, यह चीन की जनता का मामला है. हम शांतिपूर्ण एकीकरण की संभावना के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. लेकिन हम किसी भी व्यक्ति या ताकत को ताइवान को चीन से अलग करने की मंजूरी नहीं देंगे.’ चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है और जिनपिंग ने कसम खाई है कि एक दिन ताइवान को चीन में मिलाकर रहेंगे. वहीं ताइवान चीन के संप्रभुता के दावों का कड़ा विरोध करता है. रविवार को, ट्रंप के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, ताइवान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह ‘अमेरिका और चीन के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच बातचीत पर हमेशा कड़ी नजर रखता है.’

क्‍या बोला ताइवान

मंत्रालय ने आगे कहा कि ताइवान, ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए इंडो-पैसेफिक क्षेत्र में ‘महत्वपूर्ण हित’ रखने वाले देशों के साथ काम करना जारी रखेगा. ताइवान और अमेरिका में किसी भी तरह के औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं हैं लेकिन फिर भी व्‍हाइट हाउस हमेशा ताइवान का सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समर्थक और हथियार सप्‍लायर है. चीन अक्‍सर ताइवान को सैन्‍य ताकत से डराता आया है. वह अक्‍सर ताइवान को अमेरिका के साथ अपने संबंधों में सबसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय बताता आया है.

साभार : एनडीटीवी

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

इजरायल ने हमास के टॉप कमांडर रईद साद को मार गिराने का दावा किया

यरूशलम. इजरायल ने दो साल पहले उसकी जमीन पर हुए सबसे घातक हमले का बदला ले …