शनिवार, दिसंबर 06 2025 | 01:59:12 PM
Breaking News
Home / राज्य / पूर्वोत्तर भारत / जेडीयू ने एनडीए से अलग होने की बात करने वाले अपने मणिपुर अध्यक्ष को हटाया

जेडीयू ने एनडीए से अलग होने की बात करने वाले अपने मणिपुर अध्यक्ष को हटाया

Follow us on:

इंफाल. जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि मणिपुर को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है, वहां की एनडीए सरकार को समर्थन जारी रहेगा, मणिपुर जदयू के अध्यक्ष को अनुशासनहीनता के आरोप में हटाया जा चुका है। जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, “यह भ्रामक और निराधार है। पार्टी ने इसका संज्ञान लिया है और पार्टी की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष को उनके पद से मुक्त कर दिया गया है। हमने एनडीए का समर्थन किया है और हमारा समर्थन जारी रहेगा।”

उन्होंने आगे कहा कि मणिपुर में एनडीए सरकार आगे भी जारी रहेगी। मणिपुर इकाई ने केंद्रीय नेतृत्व से कोई संवाद नहीं किया, उन्हें (मणिपुर जेडीयू प्रमुख) ने अपनी मर्जी से पत्र लिखा था अनुशासनहीनता पर उनके खिलाफ कार्रवाई कर पदमुक्त कर दिया गया है… हम एनडीए के साथ हैं और राज्य इकाई राज्य के विकास के लिए मणिपुर के लोगों की सेवा करना जारी रखेगी।”

एक चिट्ठी की वजह से मची थी खलबली

मणिपुर की एनडीए सरकार से जेडीयू के समर्थन वापसी की चिट्ठी जारी होने के बाद दिल्ली से पटना तक सियासी खलबली मच गई। आनन-फानन में किसी तरह हालात को संभाला गया और  मणिपुर जदयू के अध्यक्ष बीरेन सिंह पर एक्शन लेते हुए उन्हें उनके पद से हटा दिया गया। उनकी ही गलती थी कि उन्होंने अपनी चिट्ठी में जेडीयू को एनडीए से अलग होने का दावा कर उसे जारी कर दिया था।

इसके बाद जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने इस लेटर को ही गलत बताया और कहा कि पार्टी अब भी एनडीए के साथ है। मणिपुर में एनडीए की सरकार बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि मणिपुर के जदयू नेता ने ये अनुशासनहीनता की थी और इसलिए उन्हें उनके पद से हटाया गया है। राजीव रंजन ने बताया कि उन्होंने बिना केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत किए यह पत्र लिखा था।

साभार : इंडिया टीवी

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

 

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

असम बहुविवाह निषेध विधेयक विधानसभा में हुआ पारित, अगली बार यूसीसी लागू करने की योजना

गुवाहाटी. असम विधानसभा ने गुरुवार को बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने वाला अहम बिल पास कर …