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जनरल आसिम मुनीर का असल मकसद ट्रंप के साथ बलूचिस्तान के खनिजों की डील करना था : पाकिस्तानी निवेश मंत्री

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इस्लामाबाद. पाकिस्तान के आर्मी चीफ फील्ड मार्शल आसिम मुनीर का अमेरिका दौरा अब विवादों के घेरे में है. जहां सरकार और सेना इसे ‘रणनीतिक वार्ता’ बता रही है. वहीं विपक्ष और जानकार इसे एक ‘छिपी हुई सौदेबाजी’ बता रहे हैं. पाकिस्तान के निवेश मंत्री कैसर अहमद शेख ने नेशनल असेंबली में बम फोड़ा. उन्होंने साफ कहा कि मुनीर की अमेरिका यात्रा का असली मकसद व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठकर बलूचिस्तान के खनिज संसाधनों की डील करना था. मंत्री ने स्वीकारा कि खनन और खनिज क्षेत्र में विदेशी निवेश के लिए बातचीत की गई, जिसमें स्थानीय हितों की बात कम और रणनीतिक मुनाफे की बात ज्यादा थी.

‘लंच नहीं, लॉबीइंग थी’

आधिकारिक बयान में कहा गया कि ट्रंप और मुनीर की बैठक करीब दो घंटे चली. आईएसपीआर (Inter-Services Public Relations) के मुताबिक, इस दौरान आतंकवाद, मध्य पूर्व के हालात और तकनीकी सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. लेकिन सच्चाई यह है कि चर्चा के केंद्र में था – बलूचिस्तान का लिथियम, कोबाल्ट, तांबा और यूरेनियम. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक प्रदर्शनकारी कहता है, ‘ये गीदड़ अमेरिका में अपने देश का सौदा करने आया है.’

ट्रंप की दिलचस्पी क्या है?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका खासतौर पर बलूचिस्तान में मौजूद दुर्लभ खनिजों को लेकर उत्साहित है. चीन पहले ही ‘रेको डिक’ प्रोजेक्ट के जरिए इस इलाके में अपना दबदबा बढ़ा चुका है. ट्रंप अब इस स्पेस में एंट्री चाहते हैं और पाकिस्तान की फौज इस सौदे में मुख्य खिलाड़ी बन चुकी है. ट्रंप के साथ हाई-प्रोफाइल मुलाकात में आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक भी शामिल रहे. अमेरिकी पक्ष से विदेश मंत्री मार्को रुबियो और मध्य पूर्व मामलों के प्रतिनिधि स्टीव विटकॉफ मौजूद थे. चर्चा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्रिप्टोकरेंसी, खनन और ऊर्जा जैसे विषय शामिल थे.

विपक्ष ने उठाए सवाल

पीटीआई (इमरान खान की पार्टी) और कई विपक्षी नेताओं ने इस मुलाकात को ‘राजनैतिक धोखाधड़ी’ बताया है. उन्होंने पूछा, ‘क्या सेना अब निवेश मंत्रालय चला रही है? बलूच संसाधनों पर सौदे फौज क्यों कर रही है?’ बलूचिस्तान में पहले ही आज़ादी की मांग करने वाले विद्रोही गुटों का आरोप है कि पाकिस्तानी सेना वहां दमन चला रही है और स्थानीय लोगों को उनके संसाधनों से वंचित रखा जा रहा है. अब ये अंतरराष्ट्रीय सौदे इस असंतोष को और भड़काने वाले हैं.

वाइट हाउस के बाहर विरोध

मुनीर की यात्रा के दौरान वॉशिंगटन डीसी में विरोध-प्रदर्शन हुए. प्रवासी पाकिस्तानियों ने हाथों में पोस्टर लेकर नारे लगाए, ‘पाकिस्तानी अवाम का कातिल’ और ‘फौज की तानाशाही नहीं चलेगी’. होटल के बाहर भारी पुलिस सुरक्षा के बीच विरोधकारियों ने साफ कहा, ‘हमें लोकतंत्र चाहिए, डील नहीं.’

साभार : न्यूज18

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