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पाकिस्तान ने ईरान पर अमेरिका के हमले को बताया अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन

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इस्लामाबाद. पाकिस्तान ने ईरान पर अमेरिका के हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है. पाकिस्तान ने कहा है कि अमेरिका का यह हमला अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है. ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला गलत है. आपको बता दें कि ईरान पर अमेरिका के हमले की निंदा करने वाला पाकिस्तान कोई पहला देश नहीं है. पाकिस्तान से पहले सऊदी अरब, क्यूबा और चिली ने भी इस हमले की निंदा की है. वहीं, यूके और यूरोपियन यूनियन ने अमेरिका के इस हमले को सही बताया है. यूके ने अमेरिका का साथ देते हुए कहा कि जो भी किया गया है वो सही है और हमें लगता है कि ईरान को बातचीत के लिए एक टेबल पर आना चाहिए. वहीं यूरोपियन यूनियन ने अमेरिका के हमले को सही ठहराते हुए कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा होगा. ईरान को इसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

पाकिस्तान ने एक दिन पहले ही किया था ट्रंप को नोबेल पुरस्कार के लिए नॉमिनेट

आपको बता दें कि पाकिस्‍तान का ये बयान उस समय आया है जब उसने एक दिन पहले ही आधिकारिक तौर पर अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप को साल 2026 के नोबेल शांति पुरस्‍कार के लिए नॉमिनेट कर दिया था. पाकिस्‍तान सरकार की तरफ से एक आधिकारिक बयान जारी कर इस बात की पुष्टि की गई थी. पिछले कुछ दिनों से बात के कयास लगाए जाने लगे थे कि शांति पुरस्‍कार के लिए पाकिस्‍तान, अमेरिकी राष्‍ट्रपति को नॉमिनेट कर सकता है. खास बात ये है कि पाकिस्‍तान का ये बयान उस समय आया है जब उसने एक दिन पहले ही आधिकारिक तौर पर अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप को साल 2026 के नोबेल शांति पुरस्‍कार के लिए नॉमिनेट कर दिया था. पाकिस्‍तान सरकार की तरफ से एक आधिकारिक बयान जारी कर इस बात की पुष्टि की गई थी. पिछले कुछ दिनों से बात के कयास लगाए जाने लगे थे कि शांति पुरस्‍कार के लिए पाकिस्‍तान, अमेरिकी राष्‍ट्रपति को नॉमिनेट कर सकता है.

आपको बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक सोशल मीडिया पोस्ट कर बताया था कि अमेरिका ने ईरान के तीन ठिकानों पर हमला किया है. ट्रंप ने अमेरिकी सेना के इस हमले के बाद राष्ट्र के नाम संबोधन भी दिया था. इस संबोधन में उन्होंने कहा कि था कि ये हमला जरूरी था. हम चाहते हैं कि अब ईरान शांति के लिए आगे आए. साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका ने आज वो करके दिखाया जो कोई दूसरा देश कभी सोच भी नहीं सकता था.

साभार : एनडीटीवी

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