गुवाहाटी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) असम के दो दिवसीय दौरे पर सोमवार को गुवाहाटी पहुंचे. पीएम मोदी ने अपनी यात्रा की शुरुआत भव्य झूमोइर नृत्य प्रदर्शन देखने के साथ की. असम सरकार द्वारा इंदिरा गांधी एथलेटिक स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम में असम के चाय उद्योग के 200 वर्ष पूरे होने और चाय जनजाति समुदाय की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव मनाया गया. इस मौक़े पर चाय बागानों के मजदूरों और आदिवासियों ने पारंपरिक नृत्य का विशाल प्रदर्शन किया. इसमें आठ हज़ार से ज़्यादा कलाकारों ने हिस्सा लिया, जिनका खुद पीएम मोदी ने हौसला बढ़ाया और कहा कि आपकी प्रस्तुति में चाय बागान की महक और सुंदरता है. साथ ही उन्होंने कहा कि चाय की खूबसूरती और महक को एक चायवाले से बेहतर कोई नहीं समझ सकता है.
असमिया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “मैं असम के काजीरंगा में रुकने वाला, दुनिया को उसकी जैव विविधता के बारे में बताने वाला पहला प्रधानमंत्री हूं. हमने कुछ ही महीने पहले असमिया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा भी दिया है. असम के लोग अपनी भाषा के इस सम्मान का इंतजार दशकों से कर रहे थे.” साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि चाय बागानों में 100 से अधिक मॉडल चाय बागान स्कूल पहले ही खोले जा चुके हैं और अब 100 और खोले जाएंगे.
पूर्वोत्तर को सर्वश्रेष्ठ ब्रांड एंबेसडर मिला: पीएम मोदी
इस दौरान पीएम मोदी ने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर को उनके रूप में सर्वश्रेष्ठ ब्रांड एंबेसडर मिल गया है. उन्होंने कहा, ‘‘आज विभिन्न देशों के 60 से अधिक राजदूत असम को महसूस कर सकेंगे. वे चाय का स्वाद अपने साथ ले जाएंगे.” पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हम देश भर में आदिवासी संग्रहालय बना रहे हैं. साथ ही कहा कि राज्य सरकार ने चाय बागानों में काम करने वाले मजदूरों का वेतन बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं. इन मजदूरों में ज्यादातर महिलाएं हैं. अब चाय बागानों में 1.50 लाख गर्भवती महिलाओं की आर्थिक मदद की जा रही है. उन्होंने कहा कि असम सरकार 350 आयुष्मान आरोग्य मंदिर खोल रही है.
झूमोइर बिनंदिनी की अद्भुत प्रस्तुति
इस दौरान पीएम मोदी असम के पारंपरिक झूमोइर नृत्य से बेहद प्रभावित नजर आए और उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि झूमोइर के इस प्रदर्शन को देखकर पूरे भारतीय मंत्रमुग्ध हो जाएंगे. उन्होंने कहा, “असम में आज यहां अद्भुत माहौल है. ऊर्जा से भरा हुआ माहौल है. उत्साह, उल्लास और उमंग से ये पूरा स्टेडियम गूंज रहा है. झूमोइर नृत्य के आप सभी कलाकारों की तैयारी हर तरफ नजर आ रही है. इस जबरदस्त तैयारी में चाय बगानों की सुगंध भी है और उनकी सुंदरता भी है.” विदेश मंत्री एस जयशंकर और लगभग 60 देशों के मिशन प्रमुखों ने भी ‘झुमइर बिनंदिनी’ कार्यक्रम में भाग लिया, जिसमें पूर्वोत्तर राज्य की जीवंत परंपराओं को वैश्विक दर्शकों के सामने प्रदर्शित किया गया.
साभार : एनडीटीवी
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