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जहाँ से सस्ता मिलेगा, वहीं से खरीदेंगे तेल : भारतीय राजदूत विनय कुमार

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मास्को. रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने कहा है कि भारत रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा। रविवार को रूस की सरकारी समाचार एजेंसी TASS को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियां तेल वहीं से खरीदेंगी जहां उन्हें सबसे अच्छा सौदा मिलेगा। उन्होंने भारत पर अमेरिका के 50% टैरिफ को बेबुनियाद बताया।ट्रम्प ने रूसी तेल खरीदने की वजह से भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया है, जो 27 अगस्त से लागू हो जाएगा। इससे पहले ट्रम्प जुलाई में भारत पर 25% टैरिफ लगा चुके हैं, जिससे आने वाले दिनों में भारतीय सामान के आयात पर अमेरिका में 50% टैरिफ देना होगा।

भारत को रूसी तेल खरीद पर 5% छूट मिल रही

भारत में रूसी डिप्लोमेट रोमन बाबुश्किन ने 20 अगस्त को बताया था कि भारत को रूस के कच्चे तेल पर करीब 5% की छूट मिल रही है। भारत, चीन के बाद रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है। यूक्रेन युद्ध से पहले भारत रूस से सिर्फ 0.2% (68 हजार बैरल प्रतिदिन) तेल इम्पोर्ट करता था। मई 2023 तक यह बढ़कर 45% (20 लाख बैरल प्रतिदिन) हो गया, जबकि 2025 में जनवरी से जुलाई तक भारत हर दिन रूस से 17.8 लाख बैरल तेल खरीद रहा है। पिछले दो साल से भारत हर साल 130 अरब डॉलर (11.33 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा का रूसी तेल खरीद रहा है।

ट्रम्प के ट्रेड एडवाइजर ने भारत पर मुनाफाखोरी का आरोप लगाया था

इससे पहले ट्रम्प के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने भारत पर रूस से तेल खरीदकर मुनाफाखोरी का आरोप लगाया था। नवारो ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कहा था कि भारत सस्ते दाम पर रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है, इंडियन कंपनियां उसे रिफाइन कर महंगे दाम पर दुनिया में बेच रही हैं। उन्होंने कहा कि इससे रूस को यूक्रेन जंग के लिए पैसा मिल रहा है, जबकि भारत मुनाफा कमा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत हमें सामान बेचकर उससे मिलने वाले पैसों से रूसी तेल खरीदता हैं, जिससे तेल कंपनियां खूब पैसा कमाती हैं। इसलिए भारत पर टैरिफ लगाना जरूरी है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि रूस-यूक्रेन जंग की शांति का रास्ता भारत से होकर ही जाता है।

भारत कई बार अमेरिकी आरोपों को खारिज कर चुका

भारत कई यूक्रेन जंग को बढ़ावा देने वाले अमेरिकी आरोपों को खारिज कर चुका है। पिछले हफ्ते ही विदेश मंत्री जयशंकर ने रूस का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि भारत रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार नहीं है, बल्कि चीन है।

साभार : दैनिक भास्कर

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