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सुप्रीम कोर्ट डिजिटल अरेस्ट से जुड़े मामलों की जांच सीबीआई को सौंपने के पक्ष में

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नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने डिजिटल अरेस्ट से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने राज्यों से कहा है कि वो अपने यहाँ डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं के मामले में दर्ज एफआईआर का ब्यौरा दे. कोर्ट ने कहा है कि वो देश भर में डिजिटल अरेस्ट की बढ़ती घटनाएं और इनके देशव्यापी असर को देखते हुए इनकी जाँच CBI जैसी केंद्रीय एजेंसी को सौंपने के पक्ष में है. कोर्ट ने पुछा है कि क्या सीबीआई सभी मामलों की जाँच करने में सक्षम है या उन्हें कोर्ट से कोई सहयोग की ज़रूरत है.

बुजुर्ग दंपति की शिकायत पर SC ने लिया स्वत: संज्ञान

दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने डिजिटल अरेस्ट के शिकार एक बुजुर्ग दम्पति की ओर से भेजी शिकायत के आधार पर इस मसले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई का फैसला लिया है.सितंबर में हरियाणा रोडवेज विभाग की रिटायर्ड ऑडिटर शशिबाला सचदेवा और उनके पति से फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर साइबर ठगों ने करीब 1 करोड़ 5 लाख रुपये की ठगी कर ली थी. उन्हें झांसे में लेने के लिए साइबर ठगों ने सुप्रीम कोर्ट का फ़र्जी आदेश भी दिखाया था. बुजुर्ग दंपत्ति ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी.पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय, सीबीआई और अंबाला के एसपी (साइबर क्राइम) को नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से इस मसले पर सहयोग करने को कहा था.

स्कैम के तार विदेश से जुड़े

आज अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमनी ने कहा कि इस तरह के स्कैम के पीछे के मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क के तार विदेश से जुड़े है.देश की सीमाओं से बाहर म्यांमार और थाईलैंड से इस तरह के नेटवर्क ऑपरेट हो रहे है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी कहा कि सारे मामले सीबीआई को देने से जांच की रफ्तार पर असर पड़ सकता है. ज़्यादातर मामलों में ये रैकेट देश के बाहर से चलाया जा रहा है. कई ऐसे मामले में भी हुए जिनमे लोगों को रोज़गार का झांसा देकर विदेश बुलाया गया.वहाँ उनका पासपोर्ट सीज कर लिया जाता है. उन्हें यह कहकर ठगी के लिए उकसाया जाता है कि उन पर पैसा खर्च हुआ है, इसलिए उन्हें फंड लाना होगा.

कोर्ट का सीबीआई से सवाल

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने एसजी तुषार से कहा कि वह बताएं कि क्या सीबीआई सभी मामलों की जांच करने में सक्षम है या नहीं. क्या उनके पास जांच के लिए पर्याप्त मानवीय और तकनीकी संसाधन है. अगर सीबीआई को जांच के लिए स्पेशलिजाइड साइबर क्राइम एक्सपर्ट की ज़रूरत है तो एजेंसी कोर्ट को बता सकती है.कोर्ट सभी राज्यों और केंद्र सरकार का जवाब आने के बाद आगे सुनवाई करेगा.

साभार : जी न्यूज

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