कोलकाता. पश्चिम बंगाल के प्रसिद्ध तटीय पर्यटन स्थल दीघा में स्थित नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर ने अपनी भव्यता और धार्मिक महत्व से नया इतिहास रच दिया है। 30 अप्रैल 2025 को उद्घाटन के बाद, मात्र 8 महीनों के भीतर मंदिर आने वाले दर्शनार्थियों की कुल संख्या 1 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है।
कौन बनीं 1 करोड़वीं दर्शनार्थी?
रविवार (28 दिसंबर 2025) को कोलकाता के टॉलीगंज की रहने वाली एक नन्हीं बालिका, काकोली जाना, मंदिर की एक करोड़वीं श्रद्धालु बनीं। इस ऐतिहासिक अवसर पर मंदिर अधिकारियों ने काकोली और उनके परिवार का भव्य स्वागत किया। उन्हें मंदिर की ओर से विशेष ‘महाप्रसाद’, पुष्पहार और स्मृति चिह्न भेंट किए गए।
वैश्विक पटल पर उभरा दीघा
मंदिर प्रशासन और मुख्य पुजारी राधारामन दास के अनुसार, यह उपलब्धि भगवान जगन्नाथ के प्रति दुनिया भर के लोगों की अटूट आस्था का प्रमाण है। मंदिर में न केवल पश्चिम बंगाल और ओडिशा, बल्कि अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया सहित 150 से अधिक देशों के श्रद्धालु और इस्कॉन (ISKCON) से जुड़े भक्त दर्शन के लिए पहुँच रहे हैं।
पर्यटन और अर्थव्यवस्था को मिली नई ऊंचाई
जगन्नाथ मंदिर के निर्माण ने दीघा की तस्वीर बदल दी है। जहाँ पहले दीघा केवल एक मौसमी समुद्र तट पर्यटन स्थल था, वहीं अब यह साल भर चलने वाला एक प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र बन गया है। इससे स्थानीय व्यापार में भारी उछाल आया है:
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होटल बुकिंग: स्थानीय होटलों और लॉज की मांग में 20% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।
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स्थानीय रोजगार: ई-रिक्शा चालकों, हस्तशिल्प विक्रेताओं और भोजनालयों के लिए आय के नए स्रोत खुले हैं।
मंदिर की विशेषताएं
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लागत और निर्माण: लगभग 250 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह मंदिर राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के लाल बलुआ पत्थरों से बना है।
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ऊंचाई: मंदिर की ऊंचाई लगभग 65 मीटर (213 फीट) है, जो पुरी के मूल जगन्नाथ मंदिर की स्थापत्य शैली से प्रेरित है।
“1 करोड़वें श्रद्धालु का आगमन केवल एक संख्या नहीं, बल्कि भगवान जगन्नाथ के सार्वभौमिक प्रेम की पुष्टि है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विजन ने दीघा को एक वैश्विक आध्यात्मिक मंच पर ला खड़ा किया है।”
— राधारामन दास, मुख्य पुजारी एवं न्यासी
दीघा जगन्नाथ मंदिर के दर्शन से जुड़ी कुछ जानकारियां
1. मंदिर में आरती और दर्शन का समय
मंदिर प्रतिदिन सुबह से रात तक खुला रहता है, लेकिन विशेष अनुष्ठानों के समय भीड़ अधिक होती है:
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मंगला आरती: सुबह 4:30 बजे।
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दर्शन का समय: सुबह 6:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक और फिर शाम 4:00 बजे से रात 9:00 बजे तक।
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संध्या आरती: शाम 6:30 बजे (सूर्यास्त के समय)।
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शयन आरती: रात 8:30 बजे।
2. महाप्रसाद (भोग)
पुरी की तरह यहाँ भी भगवान जगन्नाथ को छप्पन भोग लगाया जाता है।
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श्रद्धालु दोपहर 1:00 बजे से 3:00 बजे के बीच मंदिर के ‘अन्न क्षेत्र’ में कूपन लेकर महाप्रसाद ग्रहण कर सकते हैं।
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सूखा प्रसाद (जैसे खाजा और लड्डू) मंदिर परिसर के काउंटरों पर दिन भर उपलब्ध रहता है।
3. कैसे पहुँचें?
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ट्रेन द्वारा: कोलकाता (हावड़ा या शालिमार स्टेशन) से दीघा के लिए कई सीधी ट्रेनें हैं (जैसे ताम्रलिप्त एक्सप्रेस, कांडारी एक्सप्रेस)। दीघा स्टेशन से मंदिर की दूरी मात्र 2-3 किलोमीटर है, जहाँ से आप ई-रिक्शा (टोटो) ले सकते हैं।
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बस द्वारा: कोलकाता (धर्मतला या करुणामयी) से दीघा के लिए सरकारी (SBSTC) और निजी एसी बसें हर 30 मिनट में उपलब्ध हैं।
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सड़क मार्ग: कोलकाता से दीघा की दूरी लगभग 185 किमी है, जिसे निजी कार से 4-5 घंटे में तय किया जा सकता है।
4. महत्वपूर्ण नियम और सुझाव
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ड्रेस कोड: मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए शालीन कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है। पारंपरिक परिधान (धोती-कुर्ता या साड़ी/सूट) सर्वोत्तम हैं।
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फोटोग्राफी: मुख्य मंदिर (गर्भगृह) के अंदर मोबाइल फोन और कैमरा ले जाना या फोटो खींचना सख्त मना है।
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भीड़ से बचाव: यदि आप शांति से दर्शन करना चाहते हैं, तो सप्ताह के दिनों (Weekdays) में जाएँ, क्योंकि शनिवार और रविवार को यहाँ बहुत अधिक भीड़ रहती है।
5. आसपास के दर्शनीय स्थल
अपनी यात्रा के दौरान आप इन जगहों पर भी जा सकते हैं:
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ओल्ड दीघा और न्यू दीघा बीच: समुद्र तट का आनंद लेने के लिए।
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अमरावती पार्क: बच्चों के लिए और बोटिंग के लिए।
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समुद्री एक्वेरियम (Marine Aquarium): समुद्री जीवों को देखने के लिए।
यहाँ दीघा जगन्नाथ मंदिर के दर्शन से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी गई है, जो आपकी यात्रा को सुखद और व्यवस्थित बनाने में मदद करेगी:
1. मंदिर में आरती और दर्शन का समय
मंदिर प्रतिदिन सुबह से रात तक खुला रहता है, लेकिन विशेष अनुष्ठानों के समय भीड़ अधिक होती है:
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मंगला आरती: सुबह 4:30 बजे।
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दर्शन का समय: सुबह 6:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक और फिर शाम 4:00 बजे से रात 9:00 बजे तक।
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संध्या आरती: शाम 6:30 बजे (सूर्यास्त के समय)।
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शयन आरती: रात 8:30 बजे।
2. महाप्रसाद (भोग)
पुरी की तरह यहाँ भी भगवान जगन्नाथ को छप्पन भोग लगाया जाता है।
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श्रद्धालु दोपहर 1:00 बजे से 3:00 बजे के बीच मंदिर के ‘अन्न क्षेत्र’ में कूपन लेकर महाप्रसाद ग्रहण कर सकते हैं।
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सूखा प्रसाद (जैसे खाजा और लड्डू) मंदिर परिसर के काउंटरों पर दिन भर उपलब्ध रहता है।
3. कैसे पहुँचें?
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ट्रेन द्वारा: कोलकाता (हावड़ा या शालिमार स्टेशन) से दीघा के लिए कई सीधी ट्रेनें हैं (जैसे ताम्रलिप्त एक्सप्रेस, कांडारी एक्सप्रेस)। दीघा स्टेशन से मंदिर की दूरी मात्र 2-3 किलोमीटर है, जहाँ से आप ई-रिक्शा (टोटो) ले सकते हैं।
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बस द्वारा: कोलकाता (धर्मतला या करुणामयी) से दीघा के लिए सरकारी (SBSTC) और निजी एसी बसें हर 30 मिनट में उपलब्ध हैं।
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सड़क मार्ग: कोलकाता से दीघा की दूरी लगभग 185 किमी है, जिसे निजी कार से 4-5 घंटे में तय किया जा सकता है।
4. महत्वपूर्ण नियम और सुझाव
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ड्रेस कोड: मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए शालीन कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है। पारंपरिक परिधान (धोती-कुर्ता या साड़ी/सूट) सर्वोत्तम हैं।
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फोटोग्राफी: मुख्य मंदिर (गर्भगृह) के अंदर मोबाइल फोन और कैमरा ले जाना या फोटो खींचना सख्त मना है।
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भीड़ से बचाव: यदि आप शांति से दर्शन करना चाहते हैं, तो सप्ताह के दिनों (Weekdays) में जाएँ, क्योंकि शनिवार और रविवार को यहाँ बहुत अधिक भीड़ रहती है।
5. आसपास के दर्शनीय स्थल
अपनी यात्रा के दौरान आप इन जगहों पर भी जा सकते हैं:
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ओल्ड दीघा और न्यू दीघा बीच: समुद्र तट का आनंद लेने के लिए।
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अमरावती पार्क: बच्चों के लिए और बोटिंग के लिए।
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समुद्री एक्वेरियम (Marine Aquarium): समुद्री जीवों को देखने के लिए।
होटल के विकल्प (न्यू दीघा में मंदिर के पास)
यहाँ कुछ लोकप्रिय होटल्स हैं जो मंदिर और समुद्र तट के करीब स्थित हैं:
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ले रोई दीघा होटल (Le Roi Digha Hotel)
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कीमत: लगभग ₹1,940 प्रति रात
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विशेषता: यह एक 3-स्टार होटल है जो अपनी बेहतरीन सेवाओं और मंदिर से निकटता के लिए जाना जाता है।
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होटल ब्रिगटन (Hotel Brighton)
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कीमत: लगभग ₹1,519 प्रति रात
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विशेषता: अच्छी रेटिंग (4.7) और बजट के अनुकूल।
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होटल सोनाझुरी (Hotel Sonajhuri)
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कीमत: लगभग ₹1,648 प्रति रात
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विशेषता: न्यू दीघा में स्थित, परिवारों के लिए एक आरामदायक विकल्प।
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पहुँचने के लिए प्रमुख ट्रेनें (हावड़ा से दीघा)
कोलकाता से दीघा के लिए ट्रेन सबसे सुविधाजनक मार्ग है। यहाँ कुछ मुख्य ट्रेनें हैं:
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ताम्रलिप्त एक्सप्रेस (12857): हावड़ा से सुबह 6:35 बजे चलती है।
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कांडारी एक्सप्रेस (22897): हावड़ा से दोपहर 2:25 बजे चलती है।
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दीघा सुपरफास्ट एक्सप्रेस (12847): हावड़ा से सुबह 11:10 बजे चलती है।
(नोट: यात्रा से पहले IRCTC की वेबसाइट पर वर्तमान समय और उपलब्धता की जांच अवश्य कर लें। किसी भी होटल को बुक करने से पहले अपने स्तर पर जानकारियों की पुष्टि अवश्य कर लें)
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