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संयुक्त राष्ट्र की बैठक से पहले अमेरिका ने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति और अधिकारियों का वीजा किया रद्द

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वाशिंगटन. संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासभा की बैठक से पहले अमेरिका ने एक बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास और 80 अन्य अधिकारियों के वीज़ा रद्द कर दिए हैं. इसके साथ ही कुछ नए वीजा आवेदन भी खारिज कर दिए गए हैं. संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में पहले भी फिलिस्तीनियों का प्रतिनिधित्व होता रहा है. विदेश विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर शुक्रवार को बताया कि अब्बास और फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अन्य अधिकारी भी प्रभावित लोगों में शामिल हैं.

ट्रंप प्रशासन की तरफ से यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब इजरायली सेना ने गाजा के सबसे बड़े शहर को युद्ध क्षेत्र घोषित कर दिया है. सोशल मीडिया पर विरोध प्रदर्शन के बाद, विदेश विभाग ने एक कार्यक्रम को भी निलंबित कर दिया, जिसके तहत गाजा से घायल फिलिस्तीनी बच्चों को इलाज के लिए अमेरिका आने की अनुमति थी.

शांति की संभावनाएं कमजोर

विभाग ने पहले एक बयान में कहा था कि रुबियो ने फिलिस्तीनी अधिकारियों, जिनमें फिलिस्तीन मुक्ति संगठन से जुड़े अधिकारी भी शामिल हैं, के कुछ नए वीजा आवेदनों को अस्वीकार करने का भी आदेश दिया है. बयान में कहा गया कि यह हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हित में है कि पीएलओ और पीए को उनकी प्रतिबद्धताओं का पालन न करने और शांति की संभावनाओं को कमजोर करने के लिए जवाबदेह ठहराया जाए.

‘आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद करना होगा’

इसमें कहा गया है कि शांति के लिए भागीदार माने जाने के लिए इन समूहों को अमेरिकी कानून और पीएलओ के वादे के अनुसार, आतंकवाद का लगातार खंडन करना होगा और शिक्षा में आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद करना होगा. विदेश विभाग ने यह नहीं बताया कि कितने वीज़ा रद्द किए गए हैं या कितने आवेदन अस्वीकार किए गए हैं, या अपने बयान से आगे कोई विवरण नहीं दिया.

फिलिस्तीनी राष्ट्रपति ने जताया खेद

फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने वीजा वापसी को संयुक्त राष्ट्र के मेजबान देश के रूप में अमेरिकी प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन बताते हुए इसकी निंदा की और विदेश विभाग से अपने फैसले को वापस लेने का आग्रह किया. इसने एक बयान में कहा कि फिलिस्तीनी राष्ट्रपति ने वीजा के फैसले पर गहरा खेद और आश्चर्य व्यक्त किया, जो अंतर्राष्ट्रीय कानून और मुख्यालय समझौते का उल्लंघन करता है. खासकर इसलिए क्योंकि फिलिस्तीन राज्य संयुक्त राष्ट्र का एक पर्यवेक्षक सदस्य है. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि विश्व निकाय विदेश विभाग से स्पष्टीकरण मांगेगा.

समझौते के तहत दी जाएगी छूट

उन्होंने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि यह मामला सुलझ जाएगा. यह जरूरी है कि सभी सदस्य देशों और स्थायी पर्यवेक्षकों का प्रतिनिधित्व हो. विदेश विभाग ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण मिशन में नियुक्त प्रतिनिधियों को संयुक्त राष्ट्र के साथ अमेरिकी मेजबान देश समझौते के तहत छूट दी जाएगी ताकि वे न्यूयॉर्क स्थित अपने अभियान जारी रख सकें.

दो-राज्य समाधान पर चर्चा

संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीनी राजदूत रियाद मंसूर ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि अब्बास संयुक्त राष्ट्र की बैठकों में प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने की योजना बना रहे हैं और उनसे महासभा को संबोधित करने की उम्मीद है- जैसा कि वह कई वर्षों से करते आ रहे हैं. उनके 22 सितंबर को फ्रांस और सऊदी अरब की सह-अध्यक्षता में आयोजित एक उच्च-स्तरीय बैठक में भी शामिल होने की उम्मीद है, जिसमें दो-राज्य समाधान पर चर्चा होगी, जिसमें इज़राइल को एक स्वतंत्र फ़िलिस्तीन के साथ-साथ रहने की बात कही गई है.

साभार : टीवी9 भारतवर्ष

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