नई दिल्ली (मा.स.स.). केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने इंडोनेशिया के बाली में जी-20 श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक में भाग लिया। मंत्रिस्तरीय सत्र में केंद्रीय मंत्री ने अधिक लचीला, न्यायसंगत और टिकाऊ अवस्था सुनिश्चित करने के लिए महामारी के बाद की अवधि में रोजगार सृजन, सामाजिक सुरक्षा, कौशल और औपचारिकता से संबंधित उत्तरदायी और मजबूत नीतियों को बढ़ावा देने के लिए एक साथ आने के महत्व के बारे में बात की।
केंद्रीय मंत्री ने प्राथमिकता वाले क्षेत्रों का चयन करने के लिए इंडोनेशिया की भी सराहना की जो काम की बदलती दुनिया में महत्वपूर्ण है। ये हैं, श्रम बाजार को दिव्यांगजनों से जोड़ना, समुदाय आधारित व्यावसायिक प्रशिक्षण को मजबूत करके मानव क्षमता विकास में निरंतर विकास और उत्पादकता, उद्यमिता को बढ़ावा देना और रोजगार सृजन साधन के रूप में लघु और मध्यम उद्यमों (एसएमई) का सहयोग करना और सभी श्रमजीवियों के लिए अधिक प्रभावी संरक्षण और अधिक लचीलेपन की श्रम सुरक्षा को अपनाना।
मंत्री ने इन सभी क्षेत्रों में भारत की अनुकरणीय उपलब्धियों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने क्रेन और प्लेटफॉर्म श्रमजीवियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए सामाजिक सुरक्षा संहिता में किए गए प्रावधानों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कौशल विकास को काम के भविष्य की आवश्यकता के साथ जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष जी-20 रोजगार कार्य समूह की बैठकों से प्राप्त अनुभव भविष्य में अध्यक्षता करने में भारत की सहायता करेगा और 21वीं सदी के काम की दुनिया की गतिशील प्रकृति को ध्यान में रखते हुए श्रम कल्याण हासिल करने की हमारे लक्ष्य में योगदान देंगे।
उन्होंने जर्मनी, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, नीदरलैंड्स और तुर्की जैसे देशों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें कीं। सभी बैठकों में मंत्री ने आगामी अध्यक्षता और व्यापक प्राथमिकताओं के बारे में जानकारी दी और हमारे लक्ष्यों के लिए इन देशों और संगठनों का समर्थन चाहा। प्रवासन और गतिशीलता समझौते तथा सामाजिक सुरक्षा समझौते पर जल्द से जल्द हस्ताक्षर करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया ताकि गतिशीलता में आसानी हो और अंतर्राष्ट्रीय श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। केंद्रीय मंत्री ने इंडोनेशिया के जनशक्ति मंत्री इडा फौजियाह द्वारा आयोजित स्वागत रात्रिभोज में भी भाग लिया और जी-20 के दो प्रमुख कार्य समूहों, बी-20-एल-20 के संयुक्त वक्तव्य को देखा।
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