नई दिल्ली (मा.स.स.). राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के प्रमुख सचिव (राजस्व) सह संभागीय आयुक्त, खिली राम मीणा ने यूआईडीएआई टीम के प्रयासों की सराहना की। मीणा ने कहा कि यूआईडीएआई द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं और हाल की पहलों को साझा करने से सुशासन पर जबरदस्त प्रभाव पड़ा है और यह इस कार्यशाला की महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक है।
खिली राम मीणा कल नई दिल्ली में राज्यों द्वारा आधार के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ‘आधार के उपयोग को सरल बनाने के लिए हाल में की गई पहल’ पर दिल्ली राज्य स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में राज्य सरकार, बैंकों, डाक विभाग सहित आईपीपीबी, सीएससी, एनपीसीआई और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
मीणा ने पीडीएस से फर्ज़ी राशन कार्डों को समाप्त करने और आधार के उपयोग के कारण राजस्व की महत्वपूर्ण राशि की बचत के बारे में अपने अनुभव को भी कार्यशाला के प्रतिभागियों के साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि आधार के लाभों से न केवल राज्य की मौद्रिक बचत हुई है, बल्कि जिम्मेदार व्यवहार, पारदर्शिता और सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभों का देश के अंतिम व्यक्ति तक तेजी से वितरण को भी बढ़ावा मिला है।
आधार देश के सबसे बड़े नवोन्मेष में से एक सिद्ध हुआ है। दिलचस्प बात यह है कि आधार ने बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को पहचान दी है जिनके पास पहले कोई पहचान का प्रमाण नहीं था। आधार द्वारा दिए गए पैमाने और सुविधाओं की जानकारी पूरी दुनिया में इससे पहले कभी भी सामने नहीं आई हैं। कार्यशाला में उपस्थित होने वाले वरिष्ठ अधिकारियों में शामिल थे, आलोक शुक्ला, आईटीएस, डीडीजी (मीडिया), यूआईडीएआई (मुख्यालय), दिल्ली, संजय सोहानी, आईटीएस, डीडीजी, यूआईडीएआई, आरओ-दिल्ली, अतुल चौधरी, आईटीएस, डीडीजी (एचआर), यूआईडीएआई (मुख्यालय), दिल्ली। इसके अलावा विजेंद्र सिंह रावत, आईएएस, निदेशक (योजना), राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के सभी 11 जिलों के जिलाधिकारियों ने भी कार्यशाला में भाग लिया।
कार्यशाला के चार सत्रों में आधार इकोसिस्टम में जोड़े गए नवीनतम प्रमाणीकरण सुविधाओं, आधार के अभिनव उपयोग के मामले और दिल्ली में लागू सर्वोत्तम प्रथाओं, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण और आधार सक्षम भुगतान प्रणाली पर विचार-विमर्श किया गया। सत्र में एम-आधार ऐप, आधार ऑनलाइन सेवाओं और यूआईडीएआई ने आधार नामांकन और अपडेशन सेवाओं को नागरिकों के लिए एक सहज अनुभव बनाने के लिए कैसे प्रयास किए हैं, इसके बारे में विस्तार से बताया गया।
अपने उद्घाटन भाषण में, आलोक शुक्ला, आईटीएस, डीडीजी (मीडिया), यूआईडीएआई (मुख्यालय), दिल्ली ने आधार इकोसिस्टम के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। आलोक शुक्ला ने बताया कि हाल ही में यूआईडीएआई ने आधार के उपयोग को सरल बनाने के लिए कई पहल की हैं जिससे देश में अब तक प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना के माध्यम से 2.24 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है और 134 करोड़ आधार कार्ड अब तक तैयार किए जा चुके हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए, संजय कुमार सोहानी, आईटीएस, उप महानिदेशक, यूआईडीएआई क्षेत्रीय कार्यालय, दिल्ली ने बताया कि कैसे आधार भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का मूल आधार बन गया है जिसने डिजिटल विभाजन को पाट दिया है, ई-केवाईसी सेवाओं को सक्षम किया है, मोबाइल के माध्यम से दरवाजे पर बैंकिंग सेवा प्रदान की है और सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के जरूरतमंद और योग्य लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे नकद अंतरण की सुविधा प्रदान की। उन्होंने फेस ऑथेंटिकेशन, ऑफलाइन वेरिफिकेशन और यूआईडीएआई द्वारा ली गई ऑथेंटिकेशन फीस में कमी जैसी हालिया पहलों का भी जिक्र किया। इसके अलावा उन्होंने एएलबीआर पर बल दिया जिससे 0 से 5 वर्ष के बच्चों के पंजीकरण में और सुधार किया जा सके।
कार्यशाला में विभिन्न विषयों को शामिल किया गया। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के स्कूली शिक्षा के संयुक्त निदेशक मुरुगन ने छात्र लाभार्थियों के लिए डिज़ाइन की गई डीबीटी योजनाओं को लागू करने में आधार के उपयोग का विवरण देते हुए एक प्रस्तुति दी। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के वरिष्ठ सहयोगी ध्रुबोज्योति रॉय ने राज्य सरकार की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजनाओं के लिए भुगतान सेवा का लाभ उठाने और बैंकों के सूचना प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचे के साथ बैक एंड एकीकरण पर एक प्रस्तुति दी।
डीबीटी मिशन के उप सचिव देवेंद्र कुमार ने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण पर सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया। सरोज अधिकारी, उपनिदेशक, यूआईडीएआई (मुख्यालय) ने लाभार्थियों को विभिन्न सब्सिडी और सेवाओं का विस्तार करने के लिए आधार अधिनियम, 2016 की धारा 7 और धारा 4 के तहत विभिन्न योजनाओं की अधिसूचना के लिए प्रक्रिया और दिशानिर्देशों पर एक प्रस्तुति दी। देवेश आर्य, वरिष्ठ प्रबंधक, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक, दिल्ली ने आधार नम्बर के आधार पर आईपीपीबी द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं पर एक प्रस्तुति दी। प्रमाणीकरण प्रभाग, यूआईडीएआई मुख्यालय के अंकित गुप्ता ने ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रमाणीकरण पर प्रस्तुति दी।
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