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जागरूकता के लिए राष्ट्रीय एससी-एसटी केंद्र विशाल सम्मेलन का हुआ आयोजन

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आइजोल (मा.स.स.). भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) ने मिजोरम के आइजोल स्थित दावरपुई बहुउद्देशीय केंद्र में राष्ट्रीय एससी-एसटी केंद्र (एनएसएसएच) सम्मेलन का आयोजन किया। इसका उद्देश्य उद्यमिता संस्कृति को बढ़ावा देना और एनएसएसएच योजना व मंत्रालय की अन्य योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाना है। मिजोरम सरकार के माननीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, उच्चतर और तकनीकी शिक्षा, वाणिज्य व उद्योग मंत्री डॉ. आर. ललथंगलियाना इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। इसके अलावा अन्य गणमान्य लोगों के साथ मिजोरम सरकार के वाणिज्य और उद्योग विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती एस्तेर लालरूआत्किमी भी उपस्थित थीं। इस आयोजन में 300 से अधिक एससी-एसटी उद्यमियों ने हिस्सा लिया।

भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री मर्सी एपाओ ने कार्यक्रम में सभी गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि एमएसएमई मंत्रालय समावेशी विकास के लिए एससी/एसटी उद्यमियों के लिए एक इकोसिस्टम बनाने और सार्वजनिक खरीद नीति के अनुसार 4 फीसदी सार्वजनिक खरीद में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय एससी-एसटी केंद्र योजना को लागू करता है। इस कार्यक्रम में स्वागत भाषण के बाद भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय के सचिव श्री बी. बी. स्वैन ने अपना मुख्य भाषण दिया। अपने संबोधन में श्री स्वैन ने क्षमता को बढ़ाने व भारत में एमएसएमई व उद्यमिता संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई मंत्रालय के ठोस प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया।

वहीं, मुख्य अतिथि डॉ. ललथंगलियाना ने एनएसएसएच योजना के लाभार्थियों का सम्मानित करने के साथ इस कार्यक्रम में उपस्थित इच्छुक उद्यमियों को प्रेरित किया। इस अवसर पर डॉ. ललथंगलियाना ने कहा, “मिजोरम के एससी-एसटी उद्यमियों को एनएसएसएच और एमएसएमई मंत्रालय की विभिन्न अन्य योजनाओं के तहत दिए जाने वाले लाभों से लाभान्वित होते हुए देखकर प्रसन्नता होगी।” उन्होंने प्रतिभागियों से इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने और उन अवसरों के बारे में चर्चा करने का अनुरोध किया, जिनका लाभ उठाया जा सकता है। उन्होंने आगे यह भी कहा कि मिजोरम सरकार को राज्य के एमएसएमई क्षेत्र के विकास को बढ़ाने के लिए भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय के साथ मिलकर काम करना जरूरी है।

इस कार्यक्रम ने इच्छुक और मौजूदा एससी-एसटी उद्यमियों को सीपीएसई, ऋण देने वाली संस्थाओं, जीईएम और आरएसईटी आदि के साथ बातचीत करने के लिए एक मंच प्रदान किया। इसमें भारतीय खाद्य निगम, पावर ग्रिड कॉरपोरेशन लिमिटेड, उत्तर पूर्वी इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने भागीदारी की। इन कंपनियों ने अपनी विक्रेता सूचीकरण प्रक्रिया और खरीदे जाने वाले उत्पादों/सेवाओं के विवरण को प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम में यूको बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, उत्तर पूर्वी विकास वित्त निगम (एनईडीएफआई), जैसे वित्तीय संस्थान भी उपस्थित थे, जिन्होंने एमएसएमई क्षेत्र से संबंधित विभिन्न ऋण योजनाओं के बारे में बताया। अन्य सरकारी संगठनों जैसे जीईएम, आरएसईटीआई आदि ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया और एमएसएमई की सहायता के लिए अपनी विभिन्न योजनाओं को सामने रखा। इस कार्यक्रम में आयोजन स्थल पर ही एससी/एसटी एमएसई प्रतिभागियों के पंजीकरण की सुविधा के लिए उद्यम पंजीकरण और जीईएम की सुविधा डेस्क भी लगाई गई थी।

एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा राष्ट्र के आर्थिक कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। सरकार टिकाऊ विकास के लिए एमएसएमई को सशक्त और वैश्विक मूल्य श्रृंखला के अनुकूल बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। इस प्रकार के राज्य स्तरीय सम्मेलन के आयोजन से एससी/एसटी एमएसएमई सरकार के विभिन्न हस्तक्षेपों से अवगत हो जाते हैं। इससे उन्हें नए विचारों से अवगत होकर अपने दायरे का विस्तार करने में सहायता मिलती है।

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