नई दिल्ली (मा.स.स.). सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रम मंत्रालय (एमएसएमई) ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/जनजाति हब के तहत केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (सीपीएसई) सम्मेलन का आयोजन किया, जिसकी अध्यक्षता एमएसएमई राज्यमंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने की। इस सम्मेलन में विभिन्न सीपीएसई के साथ चर्चा की गई, ताकि एमएसई के लिये सार्वजनिक खरीद नीति आदेश के तहत अनिवार्य बनाये गये लक्ष्यों को हासिल करने में आने वाली चुनौतियों को जाना जा सके। सम्मेलन में लोक उद्यम विभाग और विभिन्न सीपीएसई के अधिकारियों ने भाग लिया।
सूक्ष्म और लघु उपक्रमों (एमएसई) के लिये सार्वजनिक खरीद नीति के अनुसार हर केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों को अपने सामान या सेवाओं की आवश्यकता का कुल 25 प्रतिशत एमएसई से प्राप्त करना है। इसके अतिरिक्त माल और सेवाओं की कुल खरीद का चार प्रतिशत सूक्ष्म व लघु उपक्रमों से प्राप्त करना है, जिनका स्वामित्व अजा एवं अजजा उद्यमी हैं। इसके अलावा तीन प्रतिशत महिला उद्यमियों से प्राप्त करना है।
सम्मेलन में उन सीपीएसई को मान्य करने और उन्हें सुविधा देने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया, जिन उपक्रमों ने अजा/अजजा और महिला एमएसई से खरीद का लक्ष्य पूरा करने का प्रयास किया है। भानु प्रताप सिंह वर्मा ने सार्वजनिक खरीद नीति के शासनादेश को पूरा करने के बारे में सीपीएसई द्वारा किये जाने वाले प्रयासों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने समस्त सीपीएसई से आग्रह किया कि वे अजा/अजजा/महिला उद्यमियों तक पहुंचने तथा उन्हें आवश्यक समर्थन देने के लिये सक्रियता से काम करें।