नई दिल्ली (मा.स.स.). केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान-एनआईओएस के 33वें स्थापना दिवस समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। समारोह में शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, शैक्षणिक संस्थानों के अध्यक्षों, विभागों के प्रमुखों, एनआईओएस के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया। प्रो. नवल किशोर अम्बष्ट, पूर्व अध्यक्ष, एनआईओएस और हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय की प्रो-वाइस चांसलर प्रो. सुषमा यादव भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
डॉ. सुभाष सरकार ने अपने संबोधन में एनआईओएस के विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं की सराहना की। सरकार ने कहा कि एनआईओएस पूरी दुनिया में ज्ञान का दीप प्रज्ज्वलित कर रहा है। आजादी का अमृत महोत्सव के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि आजादी के 100 वर्ष पूरे होने के समय पर वर्तमान समय के बच्चे 30-40 वर्ष के युवा होंगे और देश के निर्माण का दायित्व उन के कंधों पर होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने एनआईओएस को कई दायित्व सौंपे हैं। इनमें समावेशी शिक्षा संसाधन विकसित करना, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में मुक्त और दूरस्थ शिक्षा प्रणाली का विस्तार करना, सभी पाठ्यक्रमों को आवश्यकतानुसार और भाषाओं में अनुवाद करना, भारतीय ज्ञान परंपरा आधारित पाठ्यक्रमों का निर्माण करना और प्रमुख विदेशी भाषाओं में अनुवाद करके भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना शामिल हैं।
उन्होंने एनआईओएस के ‘बुनियादी साक्षरता आकलन” के अंतर्गत 10 करोड़ वयस्कों को नामांकित करने, सेवारत शिक्षकों का प्रशिक्षण, लैंगिक हरित परियोजना और योग में प्रशिक्षण के कार्यक्रमों की भी प्रशंसा की। डॉ. सुभाष सरकार ने कहा कि माध्यमिक स्तर पर विषय के रूप में भारतीय सांकेतिक भाषा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर स्वीकार किया गया है। उन्होंने एनआईओएस द्वारा ‘दीप’ नामक ई-पुस्तकालय के शुभारंभ को एक बड़ा कदम बताया। प्रो. सरोज शर्मा ने एनआईओएस की 33 वर्ष की यात्रा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने एनआईओएस की विशेष उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एनआईओएस शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत दो राष्ट्रीय शिक्षा बोर्डों में से एक है जो माध्यमिक, वरिष्ठ माध्यमिक और व्यावसायिक शिक्षा के लिए मुक्त और दूरस्थ शिक्षा (ओडीएल) के माध्यम से स्कूली शिक्षा प्रदान करता है।
प्रो. सरोज शर्मा ने शिक्षा के क्षेत्र में एनआईओएस की भूमिका, नई शिक्षा नीति के सफल कार्यान्वयन के लिए एनआईओएस द्वारा किए जा रहे प्रयासों, वर्चुअल ओपन स्कूल, डिजिटल लाइब्रेरी (डीईईपी), एनईपीआईए परियोजना, अग्निवीर परियोजना के लिए रक्षा मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन, मुक्त कौशल केंद्र की स्थापना और भारतीय ज्ञान परंपरा के अंतर्गत प्रस्तुत किए जाने वाले विषय के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने यह भी बताया कि एनआईओएस द्वारा भारतीय समुदाय के खानपान के लिए ‘आरंभिका’ नामक एक पाठ्यक्रम विकसित किया जा रहा है। इस अवसर पर एनआईओएस के शैक्षिक प्रयासों के 33 वर्षों की यात्रा पर आधारित एक वृत्तचित्र प्रस्तुत किया गया। इस वृत्तचित्र में ”ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन विजेता पुलेला गोपीचंद” ने कहा कि उनकी बैडमिंटन अकादमी के ज्यादातर खिलाड़ी एनआईओएस से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
इस अवसर पर एनआईओएस की पूर्व छात्रा निरंजना और विनोद कुमार चौधरी को भी सम्मानित किया गया। विनोद कुमार ने कहा कि एनआईओएस में शिक्षा प्राप्त करने के कारण ही उन्हें 10 बार (8 टाइपिंग में और 2 खेल में) गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का श्रेय प्राप्त हुआ है। एनआईओएस की एक गौरवान्वित विद्यार्थी, निरंजना एक सफल वेंट्रिलोक्विस्ट हैं। एनआईओएस के पूर्व अध्यक्ष प्रो. एन.के. अम्बष्ट ने कहा कि प्रौद्योगिकी के इस युग में, राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नवाचारों को भारतीय समुदाय के लिए ‘स्टैंडअलोन’ पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए नेतृत्व करना चाहिए।
प्रो-वाइस चांसलर प्रो. सुषमा यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति के आलोक में एनआईओएस की भूमिका बढ़ जाती है। एनआईओएस में ऐसी क्षमता है कि यह संस्थान आने वाले वर्षों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होगा। इस अवसर पर डॉ. सुभाष सरकार ने एनआईओएस की अर्धवार्षिक पत्रिका ‘प्रज्ञान’ का विमोचन भी किया।