रविवार , मई 05 2024 | 01:45:57 PM
Breaking News
Home / राज्य / महाराष्ट्र / स्वदेश में विकसित “लम्पी प्रो-वैक” वैक्सीन के वाणिज्यिक उत्पादन के लिये समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर

स्वदेश में विकसित “लम्पी प्रो-वैक” वैक्सीन के वाणिज्यिक उत्पादन के लिये समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर

Follow us on:

मुंबई (मा.स.स.). मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्त्म रुपाला तथा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिन्दे की उपस्थिति में गोट पॉक्स वैक्सीन तथा “लम्पी प्रो-वैक” वैक्सीन के उत्पादन के लिये नागपुर में एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये। रूपाला ने आईसीएआर के उन प्रयासों की सराहना की, जो आईसीएआर ने लम्पी चर्मरोग से लड़ने के लिये स्वदेश स्तर पर वैक्सीन विकसित करने के लिये किये। वैक्सीन का नाम लम्पी प्रो-वैक है। रूपाला ने आगे कहा कि समझौता-ज्ञापन से गोट पॉक्स वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन सुनिश्चित हो जायेगा, ताकि भारत के पशुधन सेक्टर की भावी जरूरतों को पूरा किया जा सके। इस समय गोट पॉक्स वैक्सीन पशुओं में लम्पी चर्मरोग को नियंत्रित करने के लिये इस्तेमाल की जाती है। यह वैक्सीन लम्पी के विरुद्ध कारगर साबित हुई है।

रूपाला ने प्रौद्योगिकी की प्रासंगिकता को रेखांकित किया और आईवीबीपी, पुणे से आग्रह किया कि वह बिना विलंब किये बड़े पैमाने पर वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर दे, ताकि विभाग इसका इस्तेमाल रोग पर काबू पाने के लिये करके किसानों की सहायता कर सके। राष्ट्रीय पशुचिकित्सा प्रारूप संवर्धन केंद्र, भाकृ-अनुप राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, हिसार (हरियाणा) ने भाकृ-अनुप-भारतीय पशु-चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, उत्तरप्रदेश के सहयोग से होमोलोगस लाइव-एटेनुएटेड एलएसडी वैक्सीन को विकसित किया है, जिसका नाम लम्पी-प्रोवैकइंड है। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अधीन कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के एग्रीइनोवेट इंडिया लिमिटेड ने आईवीबीपी, पुणे को आज “लम्पी-प्रोवैक” के वाणिज्यिक उत्पादन के लिये “सीमित अधिकार” दे दिये हैं।

लम्पी-प्रोवैक पशुओं के लिये सुरक्षित है और यह एलएसडीवी-विशिष्ट एंटीबॉडी पैदा करके कोषिकाओं को लड़ने की ताकत देता है। इसके अलावा घातक एलएसडीवी चुनौतियों से भी पूरी सुरक्षा प्रदान करता है। लम्पी-प्रोवैकइंड का इस्तेमाल लम्पी चर्मरोग से लड़ने के लिये पशुओं के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाता है। इस टीके से साल भर का बचाव मिल जाता है। वैक्सीन की एक खूराक में लाइव-एटेनयूएटेड एलएसडीवी (रांची स्ट्रेन) 103.5 टीसीआईडी50 मौजूद है। वैक्सीन को 40 सेलसियस तापमान पर रखना होता है। वैक्सीन को लाने-ले जाने के लिये बर्फ में रखा जाये और चंद घंटों में ही लगा दिया जाये। इस प्रौद्योगिकी के लिये आईसीएआर ने पेटेन्ट आवेदन कर दिया है।

इस अवसर पर केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्त्म रुपाला, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिन्दे, महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, महाराष्ट्र के पशुपालन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, आईसीएआर के डीडीजी (पशु विज्ञान) डॉ. बीएन त्रिपाठी, आईसीएआर-आईवीआरआई के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त, आईसीएआर-एनआरसीई के निदेशक डॉ. टीके भट्टाचार्य, महाराष्ट्र के आयुक्त (पशुपालन) सचिन्द्र प्रताप सिंह, एग्रीइनोवेट इंडिया लिमिटेड के सीईओ डॉ. प्रवीण मिलक, आसीएआर व एग्रीइनोवेट इंडिया लिमिटेड के अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। कार्यक्रम में एग्रीइनोवेट इंडिया लिमिटेड ने आईवीबीपी, पुणे को आज “लम्पी-प्रोवैक” के वाणिज्यिक उत्पादन के लिये दस वर्षों तक के “सीमित अधिकार” दे दिये।

गणमान्यों ने आईवीबीपी, पुणे, आईसीएआर-एनआरसीई, आईसीएआर-आईवीआरआई और एग्रीइनोवेट इंडिया लिमिटेड को प्रौद्योगिकी के सफल हस्तांतरण के लिये बधाई दी। आशा की जाती है कि वैक्सीन प्रौद्योगिकी बाजर के मानकों पर खरी उतरेगी और तबाही फैलानी वाले लम्पी चर्मरोग के नियंत्रित करने के लिये रक्षा-कवच प्रदान करेगी।

पृष्ठभूमिः

लम्पी चर्मरोग की भारत में वर्ष 2019 से ही रिपोर्टें मिलती रही हैं। इसका पहला मामला ओडिशा में देखा गया था। इसके बाद यह देश के कई राज्यों में फैल गया। वर्ष 2019 में विभिन्न राज्यों से मवेशियों के बड़े पैमाने पार मारे जाने की खबरें मिलीं, जिनमें सबसे ज्यादा नुकसान देश के उत्तर-पश्चिम इलाकों में हुआ था। देश में रोग पर रोकथाम और नियंत्रण उपलब्ध गोटपॉक्स वैक्सीन से किया जाता रहा है। भारी उत्पादन नुकसना और मवेशियों के बड़े पैमाने पर मारे जाने की घटनाओं पर विचार करके आईसीएआर ने लम्पी चर्मरोग पर अनुसंधान करके उससे निपटने के लिये स्वदेशी होमोलॉगस वैक्सीन विकसित की।

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

हेलीकॉप्टर क्रैश में बाल-बाल बची उद्धव गुट की नेता सुषमा अंधारे

मुंबई. लोकसभा चुनाव में में तीसरे चरण के मतदान से पहले सरगर्मियां काफी ज्यादा तेज …