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पहली बार मतदान करने जा रहे मतदाता मोदी युग के बच्चे हैं : डॉ. जितेंद्र सिंह

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लखनऊ (मा.स.स.). केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि पहली बार मतदान करने वाले 18 साल की उम्र पूरी करने वाले मतदाता मोदी युग के बच्चे हैं और यह उनके लिए एक बड़ा आशीर्वाद तथा फायदे की बात है।

उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में हसनपुर विधानसभा क्षेत्र के पहली बार के मतदाताओं की सभा को संबोधित करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जैसे कि इन नए युवा मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का अवसर मिल रहा है, वे आशावाद से भरपूर और आगे बढ़ने की यात्रा से गुजर रहे भारत में मोदी के नेतृत्व वाली व्यवस्था के लिए मतदान करेंगे। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद निराशावाद और सम्मान की कमी के माहौल के बीच युवाओं की पिछली दो पीढ़ियों की दुर्दशा के विपरीत यह हालात बने हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस दौर में, तमाम युवाओं ने विदेश का रुख कर लिया, क्योंकि वे देश में वापस आकर अपने लिए भविष्य की कोई उम्मीद नहीं तलाश पा रहे थे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अब यह चलन बदल गया है। अब न केवल भारतीय युवाओं को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है, बल्कि जो युवा भारत से बाहर गए हैं, वे वापस आकर अपने लिए अवसरों को तलाश रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जो लोग अब पहली बार मतदान करने जा रहे हैं, उनके पास ऐसे समय में भारतीय समाज के प्रमुख मतदाता और राय निर्माता बनने का अवसर होगा, जब भारत अब से 25 साल बाद आजादी के 100 साल मनाएगा क्योंकि वे अपनी उम्र के अहम चरण में पहुंच चुके होंगे।

प्रधानमंत्री का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, पीएम ने यूथ कन्वोकेशन सेरेमनी में कहा था कि “पूरी दुनिया भारत के युवाओं की ओर आशा भरी निगाहों से देख रही है। दरअसल, आप देश के ग्रोथ इंजन हैं और भारत दुनिया का ग्रोथ इंजन है।” डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि नया भारत खुला, भविष्यवादी और अपने प्रगतिशील विचारों के लिए जाना जाता है और हमारे देश का विकास युवाओं के कंधों पर है। पिछले 8 वर्षों में सरकार की विभिन्न योजनाओं और पहलों पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पहली बात, ये सभी योजनाएं युवाओं पर केंद्रित हैं और दूसरी बात, चाहे वह स्व-सत्यापन की परम्परा शुरू करना हो और राजपत्रित अधिकारियों के माध्यम से सत्यापन की परम्परा को समाप्त करना हो या चाहे साक्षात्कार को समाप्त करना हो, इन सभी में सभी युवाओं को समान अवसर उपलब्ध कराने का ध्यान रखा गया है, ताकि नौकरी की भर्तियों में किसी भी तरह की हेराफेरी के लिए कोई जगह न हो।

डॉ. सिंह ने इसके लिए पूरा श्रेय भविष्य का विजन रखने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया, जिन्होंने 2015 के अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में “स्टार्टअप इंडिया स्टैंडअप इंडिया” के लिए आह्वान किया, जिसमें बड़े पैमाने पर लोगों ने दिलचस्पी दिखाई। इसके परिणामस्वरूप भारत में स्टार्ट-अप की संख्या 2014 में मात्र 350 से बढ़कर 2022 में 80,000 से अधिक हो गई, जिसमें 85 यूनिकॉर्न (1 अरब डॉलर और उससे अधिक के मूल्यांकन के साथ) थे। इससे युवाओं के लिए अवसरों की संख्या खासी बढ़ गई। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विजन दूरदर्शी है और यही वजह है कि उन्होंने नई पीढ़ी पर विशेष जोर दिया है जो भारत में आगे आ रही है।

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