कोलकाता. पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दिन हुई हिंसा को लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इसे लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा है। अधीर रंजन चौधरी ने पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में मुर्शिदाबाद में एक कांग्रेस कार्यकर्ता की कथित हत्या के बाद पीड़ित परिवार से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा, “कल यहां एक 62 वर्षीय व्यक्ति की हत्या कर दी गई। हत्या का उद्देश्य यह था कि इन्हें मार कर तीन-चार बूथ पर कब्जा किया जा सके। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अभी कहीं नहीं दिखेंगी, पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग कहीं नहीं दिखेगा। बंगाल में और कितने लोग मारे जाएंगे?”
कांग्रेस सांसद ने कहा कि चुनाव से पहले और चुनाव के बाद हिंसा जारी रहती है। तृणमूल और पुलिस दोनों में कोई फर्क नहीं है। जो काम तृणमूल नहीं कर पाती है, वह पुलिस कर देती है। इस हत्या के खिलाफ हम सड़क और कोर्ट तक जाएंगे। हम आंदोलन करेंगे।” पंचायत चुनाव के दौरान 20 जिलों में व्यापक हिंसा, मतपत्रों की लूट और धांधली हुई। मुर्शिदाबाद, कूच बिहार, मालदा, दक्षिण 24 परगना, उत्तरी दिनाजपुर और नादिया जैसे कई जिलों से बूथ कैप्चरिंग, मतपेटियों को नुकसान पहुंचाने और पीठासीन अधिकारियों पर हमले की खबरें आईं।
पंचायत चुनाव में हुई हिंसा को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने राज्य चुनाव आयोग पर निशाना साधा। वहीं, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने भी राज्य चुनाव आयोग पर कड़ा प्रहार किया और कहा कि संवेदनशील मतदान केंद्रों पर बीएसएफ के बार-बार अनुरोध के बावजूद कोई जानकारी नहीं दी गई। ऐसे बूथों को केंद्रीय सुरक्षा बलों को सौंप दिया गया। बीएसएफ के डीआइजी एसएस गुलेरिया ने कहा कि बीएसएफ ने राज्य चुनाव आयोग को कई पत्र लिखकर संवेदनशील मतदान केंद्रों के बारे में जानकारी मांगी, लेकिन 7 जून को छोड़कर कोई जानकारी नहीं दी गई। उन्हें केवल ऐसे बूथों की संख्या के बारे में बताया गया था, लेकिन उनके स्थान के बारे में कुछ नहीं बताया गया।
साभार : दैनिक जागरण
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