नई दिल्ली. पंजाब से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा की जाली हस्ताक्षर मामले में मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन्हें प्रिविलेज कमेटी का फैसला आने तक राज्यसभा से निलंबित किया गया है। राघव पर मिसबिहेव करने के आरोप लगे हैं। दरअसल, राघव चड्ढा ने बीते दिन ही प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। जिसे आधार बनाकर यह कार्रवाई की गई है। वहीं पंजाब में इसका विरोध शुरू हो गया है।
मिली जानकारी के अनुसार फर्जी हस्ताक्षर मामला सामने आने के बाद इसे प्रिविलेज कमेटी के पास विचार के लिए भेज दिया गया था। नियमों अनुसार जब मामला प्रिविलेज कमेटी के पास हो तो उसे डिफेंड करना नियमों का उल्लंघन है। वहीं राघव चड्ढा ने बीते दिन मीडिया के सामने खुद को डिफेंड करके नियमों की उल्लंघना कर दी। जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।
बिना सहमति के भेजा गया प्रस्ताव
दरअसल, पांच सांसदों ने दावा किया कि दिल्ली सेवा विधेयक को उनकी सहमति के बिना सेलेक्ट कमेटी को भेजने के प्रस्ताव पर उनके नाम का उल्लेख किया गया था। यह प्रस्ताव AAP सांसद राघव चड्ढा ने पेश किया था। विरोध दर्ज कराने वाले तीन भाजपा सांसद हैं। वहीं इनमें एक BJD और एक अन्नाद्रमुक सांसद भी शामिल हैं। इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जांच की मांग की थी।
नोटिस का जवाब देंगे चड्ढा
AAP राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने बीते दिन ही अपनी बात मीडिया के सामने रख दी थी। राघव ने कहा था- वो विशेषाधिकार समिति द्वारा भेजे नोटिस का जवाब देंगे। बतौर सांसद मेरी छवि को नुकसान पहुंचाने वाले भाजपा के हथकंडे का खुलासा करेंगे। आम आदमी पार्टी ने राघव चड्ढा के खिलाफ कार्रवाई को साजिश बताया है। AAP का कहना है कि एक युवा और प्रभावी सांसद राघव चड्ढा की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए उनके खिलाफ साजिश के तहत भाजपा ये अभियान चला रही है।
साभार : दैनिक भास्कर
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