रांची. रांची सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने नेशनल शूटर तारा शाहदेव से जुड़े केस में अपना फैसला सुना दिया है। सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने 23 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने इस केस में ट्रायल फेस कर रहे तीनों आरोपियों रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन, हाईकोर्ट के बर्खास्त पूर्व रजिस्ट्रार (विजिलेंस) मुश्ताक अहमद और कोहली की मां कौशल रानी को दोषी करार दिया है।
लव जिहाद मामले में 26 गवाह पेश
सीबीआई की ओर से केस साबित करने के लिए कुल 26 गवाह पेश किये गये। उन गवाहों और सीबीआई की ओर से पेश किए गए सबूतों के आधार पर कोर्ट ने रकीबुल हसन उर्फ रंजीत कोहली, मुश्ताक अहमद और कौशल रानी को दोषी करार दिया। वहीं बचाव पक्ष की ओर से पेश किए गए 4 गवाह कोर्ट में तीनों की बेगुनाही साबित नहीं कर पाये।
सीबीआई ने वर्ष 2015 में दर्ज की थी प्राथमिकी
सीबीआई ने वर्ष 2015 में इस मामले में कांड संख्या आरसी/9एस/15 दर्ज की थी। उससे पहले हिंदपीढ़ी थाने में यह मामला 2014 में दर्ज हुआ था। जांच के बाद कोर्ट ने 2 जुलाई 2018 को तीनों आरोपियों रंजीत, मुश्ताक और कौशल रानी के खिलाफ आरोप गठित किया था।
धर्म परिवर्तन कराने का आरोप
तारा शाहदेव लव जिहाद मामले में तीनों आरोपियों पर सोची-समझी साजिश के तहत तारा शाहदेव के साथ मारपीट करने, धर्म परिवर्तन के लिए प्रताड़ित करने और उसके साथ छेड़छाड़ करने का आरोप था। सजा के बाद सभी आरोपियों को पुलिस ने जेल भेज दिया। तारा शाहदेव और रकीबुल हसन की शादी जुलाई 2014 में हुई थी। तारा शाहदेव ने आरोप लगाया था कि रंजीत कोहली ने शादी के वक्त यह बात छिपाई थी कि वह मुस्लिम हैं। क्रूरता के आधार पर तारा शाहदेव ने तलाक की भी मांग की थी। जिसके बाद रांची की एक फैमिली कोर्ट ने तलाक लेने की मंजूरी दे दी थी।
साभार : नवभारत टाइम्स
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