नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने 247 दिन से जेल में बंद दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया। AAP नेता सिसोदिया पर दिल्ली शराब नीति में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। उन्हें 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने सोमवार 30 अक्टूबर को फैसला सुनाते हुए कहा- घोटाले से जुड़े कई सवालों के जवाब अभी नहीं मिले हैं। इनमें 338 करोड़ का लेन-देन हुआ है, जिसमें सिसोदिया की भूमिका संदिग्ध लग रही है। इसलिए याचिका खारिज की जाती है।
कोर्ट ने जांच एजेंसियों को भी निर्देश दिया कि ट्रायल 6 से 8 महीने में पूरा करें। अगर ट्रायल में देर होती है तो सिसोदिया जमानत के लिए 3 महीने के अंदर दोबारा अपील कर सकते हैं। इससे पहले 17 अक्टूबर को कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 30 अक्टूबर तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सिसोदिया के केस में अब तक क्या हुआ
- दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नीति लागू की लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया।
- मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को CBI ने गिरफ्तार किया था। तब से वह हिरासत में हैं। ED ने तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद 9 मार्च को CBI की FIR से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद 28 फरवरी को सिसोदिया ने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।
- दिल्ली हाईकोर्ट ने 30 मई को CBI केस में सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उपमुख्यमंत्री और उत्पाद शुल्क मंत्री होने के नाते, वह एक हाई-प्रोफाइल व्यक्ति हैं जो गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।
- 3 जुलाई को, दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति में अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था, यह कहते हुए कि उनके खिलाफ आरोप बहुत गंभीर प्रकृति के हैं।
साभार : दैनिक भास्कर
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