रविवार, नवंबर 24 2024 | 11:51:04 AM
Breaking News
Home / राज्य / बिहार / बिहार में भी उत्तर प्रदेश की तरह उठी हलाल प्रमाणन पर रोक लगाने की मांग

बिहार में भी उत्तर प्रदेश की तरह उठी हलाल प्रमाणन पर रोक लगाने की मांग

Follow us on:

पटना. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर कहा है कि हलाल कारोबार एक ”देशद्रोह” है, जिस पर अब प्रतिबंध लगना चाहिए. गिरिराज सिहं का कहना है कि बिहार जैसे बड़े राज्य में भी हलाल उत्पादों के नाम पर जिस तरह का ‘जिहाद’ चल रहा है, उसके खिलाफ अब देश में प्रतिबंध लगाने की जरूरत है. यूपी में हलाल उत्पाद पर कार्रवाई के बाद बिहार और भारत के कई और राज्यों में भी यूपी की तरह ही हलाल प्रमाणीकरण वाले खाद्य उत्पादों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर प्रतिबंध की वकालत की जा रही है.

गिरिराज सिंह ने क्या लिखा है पत्र में
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अपने लिखे पत्र में कहा है कि “बिहार में कई खाद्य पदार्थों और अन्य आवश्यक वस्तुओं जैसे खाद्य तेल, नमकीन, सूखे मेवे, मिठाइयाँ, सौंदर्य प्रसाधन, दवाएँ और चिकित्सा उपकरणों में भी हलाल व्यापार चल रहा है, जबकि ऐसी वस्तुओं का सर्टिफिकेशन केवल FSSAI द्वारा किया जाता है. भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र में हलाल कारोबार न केवल संविधान के खिलाफ है, बल्कि देशद्रोह भी है.” उन्होंने आगे ये भी कहा कि हलाल सर्टिफिकेशन दे कर देश को बांटने की साजिश की जा रही है. ये लोगों में घृणा फैलाने का षड्यंत्र है, जिसपर रोक लगना ज़रूरी है.

‘हलाल उत्पाद’ कैसे आया चर्चा में ?
बीते दिनों उत्‍तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने बिना किसी अधिकार के खान-पान और ब्यूटी प्रोडक्‍ट्स पर अवैध तरीके से हलाल सर्टिफिकेट देने के कारोबार पर बैन लगा दिया है.  इसके साथ  UP में हलाल सर्टिफाइड प्रॉडक्टस का निर्माण, बिक्री और भंडारण भी अवैध हो गया है. ऐसा पाए जाने पर संबंधित फर्म या व्यक्ति के खिलाफ औषधि और प्रसाधन सामग्री कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी. दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार का कहना था कि कुछ संस्थाएं हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर पर अवैध कारोबार कर रही हैं. हलाल सर्टिफिकेट के नाम पर जुटाए जा रहे धन से आतंकवादी संगठनों और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की फंडिंग की जा रही है. उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले के बाद से पूरे देश में अलग अलग राज्यों से हलाल उत्पादों पर प्रतिबंध की मांग तेज हो गई है.

साभार : जी न्यूज़

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www।amazon।in/dp/9392581181/

https://www।flipkart।com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

आरसीपी सिंह ने बनाई अपनी नई पार्टी ‘आप सबकी आवाज’

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के काफी करीबी रहे रामचंद्र प्रसाद सिंह उर्फ आरसीपी …