पटना. बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए में सीट बंटवारा हो गया है। सीट बंटवारे के एक दिन बाद यानी आज मंगलवार को नीतीश कुमार को बड़ा झटला लगा है। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मंत्री अली अशरफ फातमी ने नीतीश कुमार का साथ छोड़ दिया है। अली अशरफ फातमी ने जेडीयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उनके राजद में शामिल होने की चर्चा कई दिनों से चल रही है। अली अशरफ फातमी ने अपने इस्तीफे में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखा है- ‘मैं नैतिक मूल्यों की रक्षा हेतु जनता दल यूनाइटेड के सभी पदों सहित प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। कृपया स्वीकृति प्रदान की जाए।’
राजद में शामिल हो सकते हैं अली अशरफ फातमी
जानकारी के अनुसार, अली अशरफ फातमी 20 या 21 मार्च को राजद की सदस्यता ग्रहण कर सकते है। चर्चा है कि राजद उन्हें मधुबनी से टिकट देकर लोकसभा चुनाव लड़वाना चाहती है। बता दें, फातमी दरभंगा से जनता दल और राजद से चार बार सांसद रह चुके हैं। इतना ही नहीं राजद से जीतने के बाद उन्हें शिक्षा राज्य मंत्री भी बनाया गया था। पिछले लोकसभा चुनाव में राजद ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। इस बात से नाराज होकर उन्होंने जदयू की सदस्यता ले ली थी।
अली अशरफ फातमी का सियासी सफर
1991 के लोकसभा चुनाव में अली अशरफ फातमी जनता दल के टिकट पर चुनाव जीते थे। इसके बाद 1996 और 1998 में भी अली अशरफ फातमी ने जीत बरकरार रखी। 1999 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के बेटे और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने अली अशरफ को शिकस्त देकर पहली बार दरभंगा के सांसद बने।
2004 और 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में फिर राजद के टिकट पर अली अशरफ फातमी चुनाव जीत गए। चुनाव जीतने के बाद उन्हें केंद्र सरकार में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री बनाया गया था। लेकिन 2014 के लोकसभा के चुनाव राजद ने फातमी को बेटिकट कर दिया, जिससे नाराज होकर वे पहले मधुबनी लोकसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ा। इसके बाद उन्होंने जदयू की सदस्यता ग्रहण की, जहां उन्हें राष्ट्रीय महासचिव तो बना दिया गया था, लेकिन उन्हें पार्टी में कोई उचित स्थान नहीं मिल पा रहा था।
साभार : नवभारत टाइम्स
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