पटना. जिले की विशेष CBI अदालत ने NEET पेपर लीक मामले के आरोपी बलदेव कुमार उर्फ चिंटू और मुकेश कुमार को 3 दिन की CBI रिमांड पर भेज दिया है। बिहार पुलिस की जांच के मुताबिक, चिंटू ने ही पेपर की फोटकॉपी कराके 30 स्टूडेंट्स को दिए थें। साथ ही साथ किराए के कमरे में सवालों के जवाब याद कराए थे। वहीं, कोलकाता में NEET UG एग्जाम में मेरिट लिस्ट में पैसों के बदले किसी कैंडिडेट का नाम जोड़ने का मामला सामने आया है। आरोपी ने स्टूडेंट के पेरेंट्स से मेरिट लिस्ट में नाम जोड़ने और कॉलेज में मेडिकल सीट देने के लिए 5 से 12 लाख रुपए तक की रकम वसूली है। पश्चिम बंगाल पुलिस ने आरोपी को 25 जून को देर रात गिरफ्तार किया।
हजारीबाग में बैंक ले जाते समय टूटी क्वेश्चन पेपर की चेन ऑफ कस्टडी
NEET पेपर लीक मामले में CBI की जांच जारी है। बिहार EOU की रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड के हजारीबाग में क्वेश्चन पेपर के बॉक्स के रखरखाव और रिसीविंग में लापरवाही हुई है। क्वेश्चन पेपर्स को 3 मई को NTA ने अपने अधिकारी की मौजूदगी में दिल्ली से रांची फ्लाइट के जरिए भेजा। रांची एयरपोर्ट पर NTA कर्मचारी ने क्वेश्चन पेपर्स वाले बॉक्स को कूरियर कंपनी को सौंपा। यहां से कंपनी के ट्रक में इन बॉक्सों को कूरियर ऑफिस ले जाया गया।
ट्रक से उतारे गए इन बॉक्सों को कंपनी के ऑफिस के बाहर ही रखा छोड़ा गया था। इसके बाद ई-रिक्शा के जरिए इन क्वेश्चन पेपर्स वाले बॉक्स को SBI की ब्रांच भेजा गया। इस दौरान बॉक्स की सुरक्षा के लिए किसी को भेजा भी नहीं गया था। अब अंदेशा यह है कि कुरियर कंपनी के ऑफिस से बैंक के रास्ते में इन बॉक्स के साथ छेड़छाड़ की गई। बिहार EOU की जांच की रिपोर्ट के मुताबिक, पेपर लीक कराने में हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल, ऑब्जर्वर और सेंटर इनचार्ज की भूमिका हो सकती है। क्योंकि स्कूल में जब क्वेश्चन पेपर्स वाले बॉक्स पहुंचे तो वे ऑटोमैटिकली ओपन नहीं हुए और जिस बैग में बॉक्स था, वो भी नीचे से फटा हुआ था। इसके बाद बॉक्स को खोलने के लिए कटर का इस्तेमाल किया गया और क्वेश्चन पेपर्स लीक कर दिया गए।
साभार : दैनिक भास्कर
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