मुंबई. प्रवर्तन निदेशालय (ED) की लखनऊ में मेसर्स जेवीएल इंफ्रा हाइट्स लिमिटेड के नाम पर रजिस्टर्ड यूपी के वाराणसी, महाराष्ट्र के रायगढ़, बिहार के रोहतास और नई दिल्ली के पालम में स्थित 521 एकड़ जमीन जब्त की है। इस जमीन की कीमत 814 करोड़ रुपए बताई गई है। प्रवर्तन निदेशालय ने मेसर्स जेवीएल मेगा फूड पार्क प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स जेवीएल सीमेंट लिमिटेड और प्रमोटर सत्य नारायण झुनझुनवाला और आदर्श झुनझुनवाला के खिलाफ पीएमएलए 2002 के तहत केस दर्ज किया था।
पिछले महीने हुई थी छापेमारी
वाराणसी के उद्योगपति दीनानाथ झुनझुनवाला के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पिछले महीने की 21 तारीख को बड़ी कार्रवाई की थी। उनके वाराणसी स्थित आवास समेत 7 राज्यों के 10 ठिकानों पर छापे मारे गए थे और इलेक्ट्रानिक उपकरण और दस्तावेज जब्त किए गए थे।
क्यों हो रही कार्रवाई?
जेवीएल ग्रुप पर एक हजार करोड़ से अधिक के बैंक फ्रॉड करने का आरोप है। इसमें पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा का करीब 900 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप है। झुनझुनवाला और उनके परिवार ने 11 बैंकों से करोड़ों का लोन लिया था। लेकिन, अब तक लौटाया नहीं है। कंपनी जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड सबसे बड़ी कर्जदार है। इस कंपनी में सत्यनारायण झुनझुनवाला सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर दोनों हैं। जबकि आदर्श झुनझुनवाला और दीनानाथ झुनझुनवाला इस कंपनी में होल टाइम डायरेक्टर हैं।
जेवीएल एग्रो ने देशभर में बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक की अलग-अलग बैंक शाखाओं से बड़ा लोन लिया था। आरोप है कि बैंकर्स से मिली भगत कर लोन लिए और उसे लौटाया नहीं। खास बात यह है कि स्टॉक और बैलेंस शीट की गलत जानकारी देने के बावजूद बैंकों ने करोड़ों की क्रेडिट लिमिट दे दी थी। 2019 में सीबीआई ने जेवीएल एग्रो पर केस दर्ज किया था। सीबीआई केस के आधार पर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
साभार : दैनिक भास्कर
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