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महिला अपराधों पर कड़े केन्द्रीय कानून, ममता सरकार ठीक से करे लागू : केंद्र सरकार

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कोलकाता. महिला ट्रेनी डॉक्टर की रेप और हत्या मामले को लेकर बीजेपी और टीएमसी आमने सामने है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दूसरा पत्र लिखा। इस पत्र में ममता बनर्जी ने बलात्कार, हत्या जैसे जघन्य अपराधों पर कड़े केंद्रीय कानून और कठोर सजा दिए जाने की मांग की है। मुख्यमंत्री के पत्र लिखे जाने के कुछ घंटों बाद केंद्र सरकार ने जोर देकर कहा कि मौजूदा कानून महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अपराधों से निपटने के लिए पर्याप्त रूप से कड़े हैं।

बंगाल में 48,600 बलात्कार के मामले लंबित

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिख कर जवाब दिया है। उन्होंने कहा, ‘फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) विशेष रूप से बलात्कार और POCSO अधिनियम के मामलों से निपटने के लिए बना है। पश्चिम बंगाल में 48,600 बलात्कार और POCSO मामलों के लंबित होने के बावजूद राज्य ने अतिरिक्त 11 FTSC चालू नहीं किए हैं, जो राज्य की आवश्यकता के अनुसार विशेष POCSO न्यायालय या बलात्कार और POCSO दोनों मामलों से निपटने वाले संयुक्त FTSC हो सकते हैं।’

तथ्यात्मक रूप से गलत है जानकारी

इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जैसा कि देखा जा सकता है, इस संबंध में आपके पत्र में दी गई जानकारी तथ्यात्मक रूप से गलत है और ऐसा लगता है कि यह राज्य द्वारा फास्ट ट्रैक विशेष कोर्ट (FTSC) को चालू करने में देरी को छिपाने की दिशा में उठाया गया कदम है।

सरकार ने बनाए कड़े कानून

केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अपराध से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कानून व्यापक और काफी कड़े हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘यदि राज्य सरकार केंद्रीय कानूनों का ठीक वैसे ही पालन करती है, तो इससे निश्चित रूप से आपराधिक न्याय प्रणाली को मजबूत करने में मदद मिलेगी। अपराधों को कड़े परिणाम भुगतने पड़ेंगे।

ममता ने 2 बार पीएम मोदी को लिखा पत्र

बता दें कि ममता बनर्जी ने 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 31 वर्षीय महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना पर देशव्यापी आक्रोश के बाद हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे पर पत्र लिखा था। उन्होंने बलात्कार और हत्या के मामलों के समयबद्ध निपटान के लिए अनिवार्य प्रावधान की मांग की थी।

साभार : इंडिया टीवी

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