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राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को हटाने के लिए बांग्लादेश में प्रदर्शन हुआ हिंसक

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ढाका. बांग्लादेश में एक बार फिर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. प्रदर्शनकारियों ने इस बार राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को हटाने की मांग की है. जानकारी के मुताबिक मंगलवार देर रात राष्ट्रपति के निवास स्थान बंगभवन के सामने भी प्रदर्शन किए गए हैं. इस दौरान हजारों लोग एकत्र हुए और जमकर नारेबाजी की. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग की, लेकिन उग्र लोगों ने इसे हटाने की कोशिश की. बिगड़ते हालात को संभालने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज की और आंसूगैस के गोले भी छोड़े.

मंगलवार रात में प्रदर्शनकारियों का बवाल

राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के आधिकारिक आवास बंगभवन के सामने बवाल इतना मचा कि लोग बैरिकेड तोड़ने लगे. प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों द्वारा की गई गोलीबारी में मंगलवार को एक छात्र सहित दो लोग घायल हुए हैं. यह घटना मंगलवार रात करीब 9:30 बजे हुई है. घायल लोगों को बचा लिया गया है और उन्हें ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल (DMCH) के आपातकालीन विभाग में ले जाया गया है.

राष्ट्रपति मोहम्मद सहाबुद्दीन के इस्तीफे की मांग

बांग्लादेश टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, DMCH में पुलिस कैंप के प्रभारी इंस्पेक्टर मोहम्मद फारुक ने इस मामले की पुष्टि की है. गोली लगने से घायल हुए लोगों की पहचान फैसल अहमद बिशाल, 24, और शफीकुल इस्लाम, 45 के रूप में हुई है, जबकि साउंड ग्रेनेड से घायल हुए व्यक्ति की पहचान आरिफ, 20 के रूप में हुई है. प्रदर्शनकारी मंगलवार दोपहर को बंगभवन के सामने राष्ट्रपति मोहम्मद सहाबुद्दीन के इस्तीफे की मांग को लेकर एकत्र हुए. रात करीब 8:20 बजे प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने बंगभवन में घुसने के लिए बैरिकेड्स तोड़ने का प्रयास किया. इसेना ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए साउंड ग्रेनेड का इस्तेमाल किया गया, जिससे वे तितर-बितर हो गए.

बांग्लादेश में किसने मचाया बवाल?

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले एक प्रमुख छात्र संगठन ने मंगलवार को ढाका में प्रदर्शन किया और अपदस्थ प्रधानमंत्री के इस्तीफे पर टिप्पणी करने के लिए राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को हटाने की मांग की.

किस बात पर हो रहा प्रदर्शन?

पिछले सप्ताह एक बांग्ला दैनिक को दिए गए साक्षात्कार में शहाबुद्दीन ने कहा कि उनके पास इस बात का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है कि अगस्त में छात्रों के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर हुए विरोध-प्रदर्शनों के बीच देश छोड़कर जाने से पहले हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.

हसीना के बाद अब राष्ट्रपति पर निशाना?

हसीना को सत्ता से बेदखल करने के लिए अभियान चलाने वाले भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन ने यहां केंद्रीय शहीद मीनार के पास रैली निकाली और शहाबुद्दीन के इस्तीफे की मांग की. प्रदर्शनकारी नसीरउद्दीन पटवारी ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति फासीवाद के सहयोगी हैं. वह नरसंहार के पक्षधर थे. हम उनके इस्तीफे की मांग करते हैं.’’  एक नाराज प्रदर्शनकारी ने कहा कि राष्ट्रपति शेख हसीना की तानाशाही सरकार के करीबी हैं. उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए.

देश में मचा बवाल

‘शाधिनोता-शोरबोभौमोत्तो रोक्खा समिति’ (स्वतंत्रता और संप्रभुता की रक्षा के लिए समिति) के बैनर तले प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने ढाका विश्वविद्यालय परिसर में धरना दिया, जिसमें शहाबुद्दीन के इस्तीफे की मांग की गई तथा संविधान को समाप्त करने और ‘‘क्रांतिकारी सरकार’’ के गठन का आह्वान किया गया. प्रदर्शनकारियों ने हसीना की अवामी लीग पार्टी और उसके सहयोगियों की राजनीतिक गतिविधियों पर रोक लगाने की भी मांग की. बाद में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास ‘बंगभवन’ की ओर मार्च किया.

साभार : जी न्यूज़

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