नई दिल्ली. मल्टी रोल स्टील्थ मल्टी-रोल स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस तुशिल को रूस में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। इस खास मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आईएनएस तुशिल को भारत की बढ़ती समुद्री ताकत का गौरवपूर्ण प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि भारत और रूस एआई आतंकवाद-निरोध जैसे क्षेत्रों में एक-दूसरे की विशेषज्ञता का लाभ उठाकर सहयोग के नए युग में प्रवेश करेगा।
मीशनिंग समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, “नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी समेत कई वरिष्ठभारतीय अधिकारी शामिल हुए। आईएनएस तुशिल से हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की परिचालन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है।” यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां पिछले कुछ वर्षों में चीनी सेना के बढ़ते हमले देखे गए हैं ।
जानिए आईएनएस तुशिल की खासियत
आईएनएस तुशिल प्रोजेक्ट 1135.6 का एक उन्नत क्रिवाक III श्रेणी का युद्धपोत है। इनमें से छह पहले से ही सेवा में हैं, जिसमें तीन तलवार श्रेणी के जहाज, बाल्टिस्की शिपयार्ड, सेंट पीटर्सबर्ग में निर्मित और तीन तीन फॉलो-ऑन तेग श्रेणी के जहाज, यंतर शिपयार्ड, कलिनिनग्राद में निर्मित हैं। आईएनएस तुशिल इस श्रृंखला में सातवां और दो उन्नत अतिरिक्त फॉलो-ऑन जहाजों में से पहला है। इसके लिए अक्तूबर 2016 में जेएससी रोसोबोरोनेक्सपोर्ट, भारतीय नौसेना और भारत सरकार के बीच अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
समारोह में क्या बोले राजनाथ सिंह
समारोह को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, यह जहाज रूसी और भारतीय उद्योगों की सहयोगात्मक शक्ति का एक बड़ा प्रमाण है। उन्होंने आगे कहा, भारत और रूस एआई आतंकवाद-निरोध जैसे क्षेत्रों में एक-दूसरे की विशेषज्ञता का लाभ उठाकर सहयोग के नए युग में प्रवेश करेगा।” इस युद्धपोत की लंबाई 409.5 फीट, बीम 49.10 फीट और ड्रॉट 13.9 फीट है। यह समुद्र में 59 किमी प्रति घंटे के रफ्तार से चल सकता है। यह समुद्र में 18 अधिकारियों समेत 180 सैनिकों को लेकर 30 दिनों तक रह सकता है। आईएनएस तुशिल इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम से लैस हैं। इसमें 4 केटी-216 डिकॉय लॉन्चर्स लगे हैं। इसमें एक 100 मिलिमीटर की ए-190ई नेवल गन भी लगी है। इसके अलावा इसमें एक 76 मिमी की ओटो मेलारा नेवल गन और 2 एके-630 सीआईडब्ल्यूएस और 2 काश्तान सीआईडब्ल्यूएस गन लगी हैं।
इन खतरनाक बंदूकों के अलावा इस युद्धपोत में दो 533 मिलिमीटर की टॉरपीडो ट्यूब्स भी लगे हैं। इसमें एक रॉकेट लॉन्चर भी तैनात किया गया है। इसके अतिरिक्त इस जहाज पर एक कामोव-28 या एक कामोव-31 या ध्रुव हेलिकॉप्टर लैस हो सकता है।
साभार : अमर उजाला
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