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संभल में 46 साल बाद खुले मंदिर की होगी कार्बन डेटिंग

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लखनऊ. संभल में शिव मंदिर करीब पांच सौ साल पुराना माना जा रहा है। जिला प्रशासन ने इसकी ऐतिहासिकता जानने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को पत्र लिखा है। डीएम का कहना है कि कार्बन डेटिंग के बाद मंदिर के बारे में पता चल सकेगा कि वह कितना पुराना है। इसके बाद उसके निर्माण कराने वाले के बारे में भी जानकारी की जाएगी। एएसआई मेरठ सर्किल के अधीक्षण पुरातत्वविद विनोद रावत ने पत्र मिलने की पुष्टि करते हुए बताया कि कल सोमवार को कार्यालय खुलने के बाद टीम भेजने के बारे में विचार करेंगे।

हाईकोर्ट में नहीं जिला अदालत में याचिका दायर करेगी जामा मस्जिद कमेटी

जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का दावा जिला अदालत में पेश किया गया था। इसको लेकर 19 और 25 नवंबर को एडवोकेट कमिश्नर की ओर से जामा मस्जिद में सर्वे भी किया गया था। हालांकि 24 नवंबर की सुबह सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इसमें चार लोगों की मौत हुई थी। जबकि 30 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हुए थे। मामले में जामा मस्जिद कमेटी ने एक प्रार्थना पत्र सुप्रीम कोर्ट में पेश किया था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दखल करते हुए निजली अदालतों पर कार्रवाई की रोक लगाते हुए जामा मस्जिद कमेटी को हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही थी, लेकिन अब जामा मस्जिद कमेटी हाईकोर्ट ना जाकर जिला अदालत में ही दो से तीन दिनों के अंदर याचिका दायर करेगी। यह जानकारी जामा मस्जिद के सदर जफर अली ने दी है।

मंदिर के आसपास पुलिस प्रशासन ने लगवाए सीसीटीवी कैमरे

प्राचीन मंदिर मिलने के बाद पुलिस प्रशासन ने मंदिर इलाके में सर्तकता बढ़ा दी है। शनिवार से ही मंदिर और क्षेत्र में जगह-जगह पुलिस कर्मी तैनात हैं। वहीं पुलिस प्रशासन ने मंदिर के गर्भ गृह और आसपास सीसीटीवी कैमरे भी लगवा दिए हैं। जिससे वहां होने वाली हर गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। वहीं मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य कराने का प्रयास जारी है।

प्राचीन कुएं की कराई जा रही खोदाई

खग्गू सराय में मिले प्राचीन मंदिर के नजदीक एक चबूतरे के नीचे कुएं को छिपा दिया गया था। शनिवार को बुलडाेजर की मदद से कुएं वाली जगह खोदाई कार्य शुरू किया गया था। जहां कुएं मिला। कुएं की खोदाई का कार्य लगातार जारी है। पहले बुलडोजर की मदद से खोदाई हो रही थी, लेकिन कुएं की चोहद्दी कम होने की वजह से अब पालिका के कर्मी फावड़े से मिट्टी को बाहर निकाल रहे हैं। करीब दस फीट तक कुएं की खोदाई हाे चुकी है। पालिका कर्मचारियों का कहना है कि गहराई तक इस कुएं को खोदा जाएगा। वहीं कुएं के ऊपर जो चबूतरा बना था। उस गेट को भी पुलिस ने बंद कर दीवार चुनवा दी है।

क्या है कार्बन डेटिंग?

कार्बन डेटिंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसकी मदद से पेड़, चमड़ी, बाल, कंकाल जैसी पुरानी चीजों की उम्र का पता लगाया जाता है। बता दें कि यह एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है। सभी जीवित चीजें अपने आसपास के वातावरण से कार्बन अवशोषित करती हैं। इस कार्बन में एक निश्चित मात्रा में प्राकृतिक रेडियोएक्टिव कार्बन-14 (C-14) भी शामिल है।

साभार : दैनिक जागरण

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