नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि वे आठ हफ्तों के भीतर यह बताएं कि छात्रों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं और आत्महत्या के मामलों से निपटने के लिए अदालत द्वारा तय की गई दिशानिर्देशों को लागू करने की स्थिति क्या है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने केंद्र सरकार को भी आठ हफ्तों के भीतर अनुपालन हलफनामा (compliance affidavit) दाखिल करने का निर्देश दिया है, जिसमें इन दिशानिर्देशों के क्रियान्वयन के लिए उठाए गए कदमों का विवरण देना होगा।
Home / राष्ट्रीय / सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों में बढ़ती आत्महत्या को रोकने के लिए राज्यों से उठाए गए कदमों की रिपोर्ट मांगी
सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों में बढ़ती आत्महत्या को रोकने के लिए राज्यों से उठाए गए कदमों की रिपोर्ट मांगी
Follow us on:
Tags आत्महत्या छात्र सुप्रीम कोर्ट
मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here
Check Also
भारतीय नौसेना की पनडुब्बी आईएनएस सिंधुघोष को 40 साल की शानदार सेवा के बाद कार्यमुक्त कर दिया गया
नई दिल्ली. भारतीय नौसेना ने 40 सालों तक समंदर में भारत की पहरेदारी में तैनात …
