लखनऊ. हापुड़ की तीर्थनगरी गढ़मुक्तेश्वर में बीते दिनों श्मशान घाट पर एक्सीडेंटल इंश्योरेंस में 50 लाख रुपयों के लिए दो व्यक्तियों द्वारा डमी का अंतिम संस्कार किये जाने के मामले में हापुड़ जिले के डीएम ने आदेश जारी किया है. डीएम की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अब श्मशान घाट में मुर्दे के साथ धोखाधड़ी नहीं हो सकेगी. क्रिमिनेशन से पहले शव को आधार कार्ड व अन्य पहचान पत्र के माध्यम से नगर पालिका गढ़मुक्तेश्वर के कर्मी चेहरे से मिलान कर वैरीफाई करेंगे.
डीएम अभिषेक पाण्डेय के द्वारा यह आदेश तत्काल प्रभाव से जारी किया गया है. जिसमें तीर्थनगरी के क्रिमिनेशन स्थल पर होने वाली धोखाधड़ी को रोका जा सके. डीएम अभिषेक पाण्डेय ने बताया कि आदेश में सख्त हिदायत दी गई है कि श्मशान स्थल पर तैनात कर्मी शव का आधार कार्ड व अन्य अथॉराइज्ड प्रपत्र से चेहरे का मिलान करते हुए उसे वैरीफाई करेंगे, उसके बाद ही मृतक की पर्ची कटेगी, जिससे यहां किसी भी तरह की धोखाधड़ी को रोका जा सके.
डमी रखकर कर रहे थे अंतिम संस्कार
आपको बता दें कि बीते दो दिन पूर्व दिल्ली निवासी कमल सोमानी व उसके दोस्त आशीष खुराना को पुलिस ने उस वक्त गढ़मुक्तेश्वर से गिरफ्तार किया था, जब यह दोनों कार में डमी रखकर उसका अंतिम संस्कार कर रहे थे. लेकिन मौके पर मौजूद नगर पालिका के कर्मियों की सजगता के चलते पुलिस को बुला लिया गया.
50 लाख के बीमा की रकम के लिए रची थी कहानी
इसके बाद जब पुलिस ने पूरे मामले की पड़ताल की, तो सामने आया कि कमल सोमानी और आशीष खुराना के द्वारा उनकी दुकान पर काम करने वाले अंशुल नाम के व्यक्ति का 50 लाख रूपये का एक्सीडेंटल इंश्योरेंस कराया गया था, जिसका लाभ लेने के लिए उक्त दोनों शातिरों ने अंशुल के अंतिम संस्कार की फर्जी पर्ची बनवाने के लिए डमी का अंतिम संस्कार करने की कोशिश की. लेकिन पुलिस ने दोनों को इस तरह का फर्जीवाड़ा करने से पहले ही दबोच लिया और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
साभार : एबीपी न्यूज
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