नई दिल्ली (मा.स.स.). आईबीबीआई ने भारतीय कॉरपोरेट विधि सेवा (आईसीएलएस) के 2020 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए 11 से 13 जुलाई, 2022 तक तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। सुधाकर शुक्ला, पूर्णकालिक सदास्य, आईबीबीआई ने जयंती प्रसाद, पूर्णकालिक सदास्य, आईबीबीआई की उपस्थिति में प्रशिक्षण सत्र का उद्घाटन किया। सत्रों में दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता, 2016 (संहिता), दिवाला सेवाओं के व्यावसायीकरण का व्यापक अवलोकन और नियामक की भूमिका का अवलोकन शामिल था। इसमें संहिता के तहत विभिन्न प्रक्रियाओं से संबंधित व्यावहारिक केस स्टडीज के माध्यम से विधिवत पूरक अवधारणाओं को भी शामिल किया गया है, अर्थात् कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया, परिसमापन प्रक्रिया, स्वैच्छिक परिसमापन, फास्ट ट्रैक समाधान प्रक्रिया, व्यक्तिगत दिवाला और व्यक्तिगत दिवालियापन। प्रशिक्षुओं को बोर्ड के शिकायत निवारण और अनुशासनात्मक तंत्र की कार्यप्रणाली के बारे में बताया गया। इसके अलावा, प्रतिभागियों को आईबीसी पारिस्थितिकी तंत्र के विभिन्न घटकों, अर्थात् निर्णायक प्राधिकरण, दिवाला पेशेवर, दिवाला पेशेवर एजेंसियों, सूचना उपयोगिता, वित्तीय लेनदारों, परिचालन लेनदारों, पंजीकृत मूल्यांकनकर्ताओं और वित्तीय सेवा प्रदाताओं से परिचित कराया गया। विनियमों का प्रारूपण और पुनरीक्षण, उभरते हुए न्यायशास्त्र, दबावग्रस्त परिसंपत्ति बाजार पर प्रभाव और संहिता के सामाजिक-आर्थिक परिणामों को भी इसमें शामिल किया गया था। शोधन अक्षमता शासन के सीमावर्ती क्षेत्रों जैसे समूह दिवाला, सीमा पार दिवाला और व्यक्तिगत दिवाला को भी सत्रों में शामिल किया गया था। कार्यक्रम का समापन 13 जुलाई, 2022 को सुधाकर शुक्ला, पूर्णकालिक सदास्य, आईबीबीआई और जयंती प्रसाद, पूर्णकालिक सदास्य, आईबीबीआई द्वारा संबोधित समापन सत्र के साथ हुआ। विख्यात प्रशिक्षकों में रितेश कावड़िया, कार्यकारी निदेशक, आईबीबीआई; संदीप गर्ग, …
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