– प्रहलाद सबनानी भारत एक कृषि प्रधान देश रहा है और हिंदू सनातन संस्कृति के संस्कारों का अनुपालन करते हुए ग्रामीण इलाकों में निवास कर रहे नागरिक आपस में भाई-चारे के साथ मिलजुलकर रहते आए हैं। इस दृष्टि से देखा जाय तो सहकार की भावना हम भारतीयों के डीएनए में …
Read More »नागरिक कर्तव्यों के अनुपालन से आर्थिक विकास को दी जा सकती है गति
– प्रहलाद सबनानी वित्तीय वर्ष 2025-26 में केंद्र सरकार ने भारतीय नागरिकों पर करों का बोझ कम करने का ईमानदार प्रयास किया है। सबसे पहिले आयकर की सीमा को 12 लाख रुपए प्रति वर्ष कर दिया गया (जिसका मतलब है कि 12 लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले नागरिकों …
Read More »एक सुदृढ़ एमएसएमई इकोसिस्टम देश के सतत आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण व आवश्यक भी है : द्रौपदी मुर्मु
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (27 जून, 2025) नई दिल्ली में एमएसएमई दिवस समारोह में भाग लिया और उसे संबोधित किया। इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) देश की अर्थव्यवस्था के एक मजबूत स्तंभ हैं। वे सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण …
Read More »भारतीय आर्थिक दर्शन एवं प्राचीन भारत में आर्थिक विकास
– प्रहलाद सबनानी भारत में वेदों, पुराणों एवं शास्त्रों में यह कहा गया है कि मानव जीवन हमें मोक्ष प्राप्त करने के लिए प्राप्त हुआ है। मोक्ष प्राप्ति के लिए अच्छे कर्मों का करना आवश्यक है। अच्छे कर्म अर्थात हमारे किसी कार्य से किसी पशु, पक्षी, जीव, जंतु को कोई …
Read More »भारत में एकात्म मानववाद के सिद्धांत को अपनाकर हो आर्थिक विकास
– प्रहलाद सबनानी भारतीय संस्कृति के अनुसार ही भारतीय आर्थिक दर्शन में भी सृष्टि की समस्त इकाईयों, अर्थात व्यक्ति, परिवार, समाज, राष्ट्र एवं समष्टि को एक माला की कड़ी के रूप में देखा गया है। एकता की इस कड़ी को ही पंडित दीनदयाल जी उपाध्याय ने ‘एकात्म मानववाद’ बताया है। …
Read More »भारत का आर्थिक विकास एवं अतिगरीबी में कमी
– प्रहलाद सबनानी विश्व के विभिन्न देशों, विशेष रूप से विकसित देशों, में अतिगरीबी को कम करने के लिए लम्बे आर्थिक विकास के चक्र की आवश्यकता रही है। यह सही है कि इन देशों में लम्बे समय तक तेज गति से हुए आर्थिक विकास एवं पूंजी निर्माण के चलते ही …
Read More »जनजाति समाज के लिए चलाई जा रही आर्थिक विकास की योजनाएं
– प्रहलाद सबनानी जनजाति समाज बहुत ही कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए देश में दूर दराज इलाकों के सघन जंगलो के बीच वनों में रहता है। जनजाति समाज के सदस्य बहुत ही कठिन जीवन व्यतीत करते रहे हैं एवं देश के वनों की सुरक्षा में इस समाज का योगदान …
Read More »भारत के आर्थिक विकास में जनजाति समाज का है भरपूर योगदान
– प्रहलाद सबनानी भारत भूमि का एक बड़ा हिस्सा वनों एवं जंगलों से आच्छादित है। भारतीय नागरिकों को प्रकृति का यह एक अनोखा उपहार माना जा सकता है। इन वनों एवं जंगलों की देखभाल मुख्य रूप से जनजाति समाज द्वारा की जाती रही है। जनजाति समाज की विकास यात्रा अपनी …
Read More »विश्व के वित्तीय एवं निवेश संस्थान भारत के आर्थिक विकास के अनुमानों को बढ़ा रहे हैं
– प्रहलाद सबनानी आज जब विश्व में कई विकसित एवं विकासशील देशों की अर्थव्यवस्थाओं में विभिन्न प्रकार की आर्थिक समस्याएं दिखाई दे रही है, वैश्विक स्तर पर कई प्रकार की विपरीत परिस्थितियों के बीच भी भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व में सबसे तेज गति से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी हुई है। कई …
Read More »आर्थिक विकास की दृष्टि से एक दशक ही नहीं बल्कि अगली पूरी सदी ही भारत की होगी
– प्रहलाद सबनानी अभी हाल ही में अमेरिका के निवेश के सम्बंध में सलाह देने वाले एक प्रतिष्ठित संस्थान मोर्गन स्टैनली ने अपने एक अनुसंधान प्रतिवेदन में यह बताया है कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक विकास की दृष्टि से अगला दशक भारत का होने जा रहा है। इस सम्बंध में …
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